सुशासन की सरकार में अधिकारी को दोनो हाथ से माल लूटने की आजादी है। अधिकारी,जनपतिनिधि और सप्लायर मिलकर पंचायत के स्वच्छता की राशि को बख्शने को तैयार नही है। पंचायत को स्वच्छ बनाने के लिए सरकार प्रति पंचायत लाखो रुपया खर्च कर कचरा प्रबंधन शेड से लेकर घर घर डस्टविन वितरण कराकर स्वच्छ व निरोग पंचायत बनाने की मुहिम में जुटी है। लेकिन उनके ही अधिकारी के मिलीभगत से यह भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ते नजर आ रहा है।
मोतिहारी जिला के पहाड़पुर प्रखंड में स्वच्छता के राशि मे भारी खेला होने से इनकार नही किया जा सकता है। पंचायत में हर घर बटने वाले डस्टविन की जगह अधिकारी जनप्रतिनिधि व सप्लायर की मिलीभगत से हरेकमाल का बाल्टी की खरीद किया गया है। बाल्टी खरीद के बाद जब वितरण का समय आया तो पंचायत के छोटे जनप्रतिनिधि इसका विरोध करना शुरू कर दिए।
इसी में से किसी जनप्रतिनिधि ने डस्टविन की जगह पंचायत में बाल्टी खरीदारी का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। वायरल वीडियो में दिख रहा बाल्टी घटिया किस्म का दिख रहा है। वायरल वीडियो फोटो सोशल मीडिया पर खूब ट्रॉल हो रहा है। मामला पहाड़पुर प्रखंड के कई पंचायतों का बताया जा रहा है। सोशल मीडिया पर ग्रामीण डस्टविन की जगह घटिया किस्म की बाल्टी खरीद की जांच कर दोषी पदाधिकारी ,जनप्रतिनिधियों व सप्लायर पर करवाई की मांग वरीय पदाधिकारी से कर रहे है।
मोतिहारी जिला के पहाड़पुर प्रखंड के कई पंचायतों में स्वच्छता को लेकर हुए डस्टविन खरीदारी में भ्रष्टाचार का फोटो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया पर डस्टविन की जगह हरेकमाल का बाल्टी खरीद का फोटो व वीडियो खूब वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया पर लोग यह कहते नही थक रहे कि सुशासन की सरकार के अधिकारी व जनप्रतिनिधि स्वच्छता की राशि मे भ्रष्टाचार कर मालामाल हो रहे है।
सरकार द्वारा मानक तो ताक पर रखकर कमीशन की खेल में डस्टविन की जगह हरेकमाल का बाल्टी खरीद कर सरकार को लाखों का चूना लगाया जा रहा है। ग्रामीण स्वच्छता को लेकर प्रखंड के कई पंचायतों में हुई खरीद की जांच सूक्ष्म तरीके से कराकर दोषी अधिकारी,जनप्रतिनिधियों व सप्लायर पर करवाई की मांग कर रहे है।
सूत्रों की माने तो स्वक्षता को लेकर पंचायत के प्रत्येक परिवार को हरा व नीला डस्टविन देना है। जिसके खरीद के लिए लगभग 180 रुपया निर्धारित किया गया है। वही 60 लीटर वाले डस्टविन की खरीदारी के लिए एक सेट का 1750 रुपया लगभग रेट है। लेकिन कमीशन के खेल में नियम को ताक पर रखकर डस्टविन की जगह हरेकमाल में मिलने वाला 30 से 40 रुपया का बाल्टी की खरीदारी कर लाखो की राशि का गबन होने से इनकार नही किया जा सकता। अगर वरीय अधिकारी के नेतृत्व में सूक्ष्म तरीके से जांच किया जाय तो बड़ा घोटाला से इनकार नही किया जा सकता।