मुजफ्फरपुर में नौकरी के नाम पर लड़कियों से यौन शोषण, बेल्ट से की जाती थी पिटाई, रेप पीड़िता ने किया खुलासा
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में नौकरी के नाम पर लड़कियों से यौन शोषण का मामला सामने आया है। मुजफ्फरपुर में एक गिरोह के द्वारा DVR नाम की फर्जी मार्केटिंग कंपनी बनाकर सोशल मीडिया पर नौकरी देने का पोस्ट डाला जाता था। इसमें लिखा जाता था कि आप इस कंपनी में जॉब करने में इच्छुक हैं तो आप हमसे संपर्क कर सकते हैं। लड़कियों को मोटी सैलरी देने का लालच भी दिया जाता था। बताया जाता है कि कम्पनी का दावा था कि यह काम सिर्फ लड़कियों के लिए है।
सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से कई लड़कियों ने संपर्क किया गया। ज्यादा सैलरी दिये जाने का लालच देकर लड़कियों को नौकरी पर रखा गया। लड़कियों के काम पर आने के बाद वहां मौजूद दरिंदों ने उन्हें बंधक बनाकर कई लड़कियों के साथ शारीरिक संबंध बनाये। जब लड़कियां इसका विरोध करती थी तब उन्हें बेल्ट से बेरहमी से पीटा जाता था। जिसका कई वीडियो भी अब सामने आया है।
जिसमें दिख रहा है कि बेल्ट से किस तरह से लड़की की पिटाई की जा रही है। यह तस्वीर देखकर आपके भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे। हालांकि पिछले साल अहियापुर और सदर इलाके में छापेमारी कर पुलिस ने सभी लड़कियों को मुक्त कराया था। ज्यादातर तो लड़कियां थाने में शिकायत करना भी मुनासिब नहीं समझी। लेकिन इसी में से एक छपरा जिले की लड़की ने थोड़ी हिम्मत दिखाई और सामने आई। उसने कथित कंपनी की एक फर्जी कर्मचारी पर मुजफ्फरपुर के अहियापुर थाने में FIR दर्ज करवा दिया।
इस पूरे प्रकरण को लेकर छपरा की इस पीड़िता ने अहियापुर थाने में केस दर्ज कराया है। पीड़िता ने बताया कि फेसबुक पर महिलाओं के लिए जॉब ऑफर का पोस्ट दिखा था। डीवीआर संस्था में काम करने के लिए बहाली निकली थी। जहां अप्लाई करने पर चयनित होने के बाद प्रशिक्षण के नाम पर उससे ₹20 हजार की मांग की गई।
20 हजार जमा करने के बाद बहुत सारी लड़कियों के साथ अहियापुर थानाक्षेत्र में ही बखरी के निकट उन्हें रखा गया। करीब तीन महीना गुजर जाने के बाद भी जब सैलरी नहीं मिली तो उसने संस्था के सीएमडी तिलक सिंह के समक्ष अपनी बात रखी। तब उसने कहा कि 50 और लड़कियों को संस्था से जोड़ों तब तुम्हारी सैलरी 50 हजार कर दी जाएगी।
पीड़िता का आरोप है कि मुजफ्फरपुर में रहते हुए भी तिलक सिंह ने उसके साथ जोर जबरदस्ती कर शारीरिक संबंध बनाये थे। उस दौरान वह गर्भवती भी हो गई थी। तब तिलक सिंह ने उसका एबॉर्शन करवा दिया था। इस बीच कंपनी के चीट फंड होने का उसे एहसास हो गया तब उसने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कराना मुनासिब समझा। क्योंकि वह नहीं चाहती थी कि जैसे उसकी जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया गया है, वैसे किसी अन्य लड़कियों के साथ यह खिलवाड़ जारी रहे। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है।
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.