बिहार के नालंदा जिला स्थित चंडी में झारखंड के हजारीबाग स्थित चरही से बारात आई थी। दरवाजा लगने और समधी मिलन के बाद जयमाला का कार्यक्रम चल रहा था। शादी का गीत भी बज रहा था तभी अचानक चारों ओर सन्नाटा पसर गया और फिर जो कुछ हुआ उसे देखकर बाराती और शराती दोनों हैरान रह गये।
दरअसल मामला हैरान करने वाला ही था। नालंदा के चंडी थाना क्षेत्र के पिनीपर गांव में 09 जुलाई को हजारीबाग के चरही से बारात आई थी। लेकिन बिना दुल्हन के ही बारातियों को वापस हजारीबाग जाना पड़ गया। 9 जुलाई को हजारीबाग से आए बारातियों को चंडी में बनाए गये जनमासा में ठहराया गया था. फिर शाम में बैंड-बांजा और डीजे के साथ बारात लड़की दरवाजे पर पहुंची इस दौरान समधी मिलान भी हुआ। बैंड वाले वहां से चले गये जिसके बाद जयमाला का कार्यक्रम शुरू हुआ।
जयमाला कुर्सी पर लड़का बैठा हुआ था। तभी लड़की अपनी सहेलियों और भाभी-ननद के साथ मंच पर वरमाला लेकर पहुंची। इस समय शादी के गीत बज रहे थे। लेकिन जैसे ही लड़की की नजर जयमाला कुर्सी पर बैठे लड़के पर गई वो हाथ की थाली और वरमाला को फेंक दिया और शादी करने से इनकार करने लगी। तभी शादी की खुशियों के बीच अचानक सन्नाटा पसर गया। दुल्हन के शादी से इनकार करने के बाद वर और वधू पक्ष आपस में भिड़ गये। फिर जयमाला स्टेज पर ही हंगामा होने लगा।
बात इतनी बढ़ गयी कि पुलिस को बुलाना पड़ गया। हंगामे की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची जिसके बाद दोनों पक्ष के लोगों को थाने पर लाया गया। जहां दुल्हन का कहना था कि लड़का मंदबुद्धि और पैर से दिव्यांग है। इसलिए ऐसा व्यक्ति से वो शादी नहीं करेगी। दुल्हन के इस फैसले को सुनकर वहां मौजूद लोग भी हैरान रह गये। हालांकि किसी तरह समझा बूझाकर पुलिस ने दोनों पक्ष के लोगों को शांत कराया।
शादी से लड़की के इनकार करने के बाद वधू पक्ष के लोग लड़के वालों से खर्च लौटाने की मांग करने लगे। बिना पैसा लौटाए बारातियों को वापस हजारीबाग जाने से रोकने लगे। जिसके बाद पुलिस के सामने लड़के वाले ने कुछ उपहार और रुपये वापस किये जिसके बाद ही दुल्हन के परिवारवाले शांत हुए। दोनों पक्षों के बीच सुलह होने के बाद बारात बिना दुल्हन के हजारीबाग लौट गयी। जिसके बाद पूरे इलाके में चर्चाओं का बाजार गर्म है। नालंदा के चंडी से लेकर हजारीबाग के चरही तक इसकी चर्चा हो रही है।