पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की अगुवाई में बीते शनिवार को डेलावेयर में बाइडेन के निजी आवास पर क्वाड शिखर सम्मेलन से भारत-अमेरिक के बीच द्विपक्षीय वार्ता सफलतापूर्वक सम्पन्न हुई। इस मौके पर अमेरिकी राष्ट्रपति ने पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा तथा रूस के साथ युद्ध के बीच उनके शांति प्रयासों की सराहना की। बैठक के दौरान अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का भी समर्थन किया।
इस बीच प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-अमेरिका साझेदारी को बढ़ाने में राष्ट्रपति बाइडेन के अद्वितीय योगदान की सराहना की। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत और अमेरिका अब एक मजबूत वैश्विक रणनीतिक साझेदार हैं, जिसमें मानव प्रयास के सभी पहलू शामिल हैं, जो समान लोकतांत्रिक मूल्यों और लोगों से लोगों के बीच संबंधों पर आधारित है। दोनों नेताओं ने आपसी हित के क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के लिए नए अवसरों की तलाश की और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र और उससे आगे सहित वैश्विक और क्षेत्रीय मामलों पर एक-दूसरे के विचारों का आदान-प्रदान किया।
अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने स्वतंत्र,खुले और समृद्ध इंडो-पैसिफिक के लिए पीएम मोदी के प्रयासों को सराहा
राष्ट्रपति बाइडेन ने विश्व मंच पर भारत के नेतृत्व, विशेष रूप से G-20 और ग्लोबल साउथ में प्रधानमंत्री मोदी की भूमिका की सराहना की। अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक स्वतंत्र, खुले और समृद्ध इंडो-पैसिफिक को सुनिश्चित करने के लिए क्वाड को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता की प्रशंसा की। व्हाइट हाउस ने कहा, “भारत सबसे महत्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान खोजने के प्रयासों में सबसे आगे है, जिसमें COVID-19 महामारी के लिए वैश्विक प्रतिक्रिया का समर्थन करने से लेकर दुनिया भर में चल संघर्षों को समाप्त करने के पहल शामिल हैं।”
जो बाइडेन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का किया समर्थन
राष्ट्रपति बाइडेन ने प्रधानमंत्री मोदी को आश्वासन दिया कि अमेरिका वैश्विक संस्थाओं में सुधार की पहल का समर्थन करता है ताकि भारत जैसे महत्वपूर्ण आवाज को प्रतिबिंबित किया जा सके इसी के साथ बाइडेन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन भी किया।
राष्ट्रपति बाइडेन और प्रधानमंत्री मोदी ने स्पेस सेक्टर, सेमीकंडक्टर और उन्नत दूरसंचार जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने में महत्वपूर्ण और उभरती हुई प्रौद्योगिकी (आईसीईटी) को सराहा। उन्होंने क्वाड और यूएस-इंडिया-आरओके त्रिपक्षीय प्रौद्योगिकी पहल के माध्यम से भागीदारों के साथ संबंधों को मजबूत करते हुए कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्वांटम प्रौद्योगिकी और स्वच्छ ऊर्जा में सहयोग को और बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्धता जताई।
दोनों नेताओं ने साइबरस्पेस सहयोग का भी समर्थन किया और राष्ट्रीय सुरक्षा और हरित ऊर्जा के लिए एक सेमीकंडक्टर निर्माण संयंत्र की स्थापना की घोषणा की। इसके अलावा, उन्होंने 2025 में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर नासा-इसरो के संयुक्त वैज्ञानिक अनुसंधान पर प्रगति का भी स्वागत किया। अमेरिकी राष्ट्रपति ने 31 जनरल एटॉमिक्स MQ-9B रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट खरीदने में भारत की प्रगति की प्रशंसा की, इससे भारतीय सशस्त्र बलों की निगरानी क्षमताओं में वृद्धि हुई है। दोनों नेताओं ने जेट इंजन, युद्ध सामग्री और ग्राउंड मोबिलिटी सिस्टम के लिए सह-उत्पादन व्यवस्था पर ध्यान केंद्रित करते हुए यूएस-इंडिया डिफेंस इंडस्ट्रियल कोऑपरेशन रोडमैप में प्रगति को स्वीकार किया।
राष्ट्रपति बिडेन ने रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (MRO) सेवाओं पर 5 प्रतिशत GST के भारत के कार्यान्वयन का स्वागत किया, जो कर संरचना को सरल बनाता है उन्होंने भारत में C-130J सुपर हरक्यूलिस विमान के लिए एक नई MRO सुविधा स्थापित करने के लिए लॉकहीड मार्टिन और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के बीच एक टीमिंग समझौते की भी सराहना की जिससे यूएस-भारत रक्षा सहयोग को मजबूती मिली।
दोनों नेताओं ने हाइड्रोजन सुरक्षा और भारत में अक्षय ऊर्जा और स्वच्छ प्रौद्योगिकी पहलों को तेज करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया। भारतीय विनिर्माण के माध्यम से स्वच्छ ऊर्जा सप्लाई चेन को बढ़ाने के लिए संयुक्त प्रयासों का समर्थन किया। इसी कड़ी में यूएस इंटरनेशनल डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (DFC) ने भारत में विनिर्माण सुविधाओं के लिए टाटा पावर सोलर को $250 मिलियन और फर्स्ट सोलर को $500 मिलियन का ऋण प्रदान किया है।
पीएम मोदी और बाइडेन ने सिंथेटिक ड्रग तस्करी से निपटने के लिए ड्रग पॉलिसी फ्रेमवर्क पर भी की चर्चा
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन ने नए अमेरिकी-भारत ने सार्वजनिक स्वास्थ्य सहयोग को बढ़ाते हुए सिंथेटिक ड्रग तस्करी से निपटने के लिए ड्रग पॉलिसी फ्रेमवर्क पर भी चर्चा की। उन्होंने अगस्त 2024 में होने वाले यूएस-इंडिया कैंसर डायलॉग के उद्घाटन पर प्रकाश डाला, जिसका उद्देश्य कैंसर अनुसंधान और विकास में तेजी लाना है। दोनों नेताओं ने व्यापार, प्रौद्योगिकी और हरित अर्थव्यवस्था पर अमेरिका और भारतीय छोटे और मध्यम आकार के उद्यमों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए हुए एक समझौते का भी स्वागत किया।
इसकेअलावा , उन्होंने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए जलवायु-स्मार्ट प्रथाओं और नियामक मुद्दों को संबोधित करते हुए कृषि सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया। पुरावशेषों की वापसी में विलमिंगटन, डेलावेयर में राष्ट्रपति बिडेन के साथ उनकी द्विपक्षीय बैठक के दौरान चुनिंदा कलाकृतियों का प्रतीकात्मक हस्तांतरण हुआ। संयुक्त राज्य अमेरिका ने भारत को 297 पुरावशेष लौटाए जो या तो देश से चुराए या तस्करी किए गए थे। गौरतलब है कि इन कलाकृतियों का प्रत्यावर्तन जुलाई 2024 में अमेरिकी विदेश विभाग के शैक्षिक और सांस्कृतिक मामलों के ब्यूरो और संस्कृति मंत्रालय के तहत भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के बीच हस्ताक्षरित एक सांस्कृतिक संपत्ति समझौते के बाद हुआ है।