बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से चल रही नियुक्ति प्रक्रिया में करीब 16 हजार पदों पर ही दूसरे राज्यों के अभ्यर्थी आवेदन देंगे। राज्य सरकार ने नियुक्ति में सभी राज्यों के अभ्यर्थियों के लिए आवेदन को हरी झंडी दी है। लेकिन, यह भी साफ किया है कि किसी तरह के आरक्षण का लाभ सिर्फ बिहार के स्थायी निवासी को ही मिलेगा। इस संबंध में मुख्य सचिव ने तीन जुलाई को जानकारी दी थी।
इस संबंध में शिक्षा विभाग के पदाधिकारी बताते हैं कि कुल एक लाख, 70 हजार 461 पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी हुए हैं। इनमें प्रारंभिक शिक्षकों के 79,943 पद हैं। इन 79,943 में 60 प्रतिशत सीटें विभिन्न जाति समूह के लिए आरक्षित हैं, जो करीब 48 हजार होते हैं। शेष करीब 32 हजार में 50 प्रतिशत महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे। इस तरह देखें तो 16 हजार पर ही दूसरे राज्य के अभ्यर्थी आवेदन करेंगे, जो अनारक्षित सीटें होंगी।
वहीं, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक के क्रमश 32,916 और 57,602 सीटें हैं। माध्यमिक-उच्च माध्यमिक शिक्षकों के लिए एसटीईटी (माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा) उत्तीर्ण होना आवश्यक है। यह परीक्षा राष्ट्रीय स्तर पर नहीं होती है। राष्ट्रीय स्तर पर सिर्फ सीटीईटी होती है, जो कक्षा एक से आठ तक, अर्थात प्रांरभिक शिक्षकों के लिए होती है।
इस तरह देखें तो एसटीईटी में जो राज्य के बाहर के जो अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए होंगे, वहीं इसमें भाग ले सकते हैं। विभागीय पदाधिकारी बताते हैं कि यह संख्या बेहद कम होगी। बिहार में नौकरियों में एससी को 16, एसटी को 01, ईबीसी को 18, ओबीसी को 12, ईडब्ल्यूएस को 10 और महिला को 03 प्रतिशत का आरक्षण है।
पूर्व में 3400 अभ्यर्थी हुए थे बहाल
2012 के बाद विभिन्न स्तर के शिक्षकों के लिए लगभग एक लाख 68 हजार पद पर नियुक्ति का विज्ञापन जारी हुआ था, जिनमें बिहार के बाहर के अभ्यर्थियों को भी आवेदन करने की स्वतंत्रता थी। इसमें दूसरे राज्यों के 3400 अभ्यर्थी नियोजित हुए। इनमें अधिकांश पूर्वी उत्तर प्रदेश और झारखंड के हैं।