पाकिस्तान के इस्लामाबाद में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की शिखरवार्ता में विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने आतंकवाद के खिलाफ अपना पक्ष स्पष्ट कर दिया। शिखरवार्ता में उन्होंने याद दिलाया कि संगठन के चार्टर में आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद को स्पष्ट रूप से चुनौती माना गया है। ऐसे में सीमा पार से इस तरह की गतिविधियां होती रहेंगी तो सहयोग विशेषकर क्षेत्रीय सहयोग संभव नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि सहयोग आपसी सम्मान और संप्रभुता पर आधारित होना चाहिए।
विकास और प्रगति के लिए शांति और स्थिरता की आवश्यकता
आज एससीओ की बैठक में विदेश मंत्री ने कहा कि सहयोग एकतरफा एजेंडे पर नहीं बल्कि वास्तविक साझेदारियों पर बनाया जाना चाहिए। हमारे प्रयास तभी आगे बढ़ेंगे जब चार्टर के प्रति हमारी प्रतिबद्धता दृढ़ रहेगी। यह स्वयंसिद्ध है कि विकास और प्रगति के लिए शांति और स्थिरता की आवश्यकता होती है। और जैसा कि चार्टर में कहा गया है, इसका मतलब है ‘तीन बुराइयों’ का मुकाबला करने में दृढ़ता से करना और इनसे समझौता न करना। उन्होंने कहा कि वैश्विक संघर्षों की बीच जलवायु परिवर्तन की गंभीर समस्या, आपूर्ति श्रृंखला की अनिश्चितता और वित्तीय अस्थिरता वृद्धि और विकास को प्रभावित कर रहे हैं। यह एक चुनौतीपूर्ण समय है। प्रौद्योगिकी बड़ी संभावनाएं रखती है, लेकिन साथ ही नई चिंताओं को भी जन्म देती है। एससीओ के सदस्यों को इन चुनौतियों पर कैसे प्रतिक्रिया देनी चाहिए इसपर विचार करना होगा। विदेश मंत्री ने इस दौरान वैश्विक संस्थाओं में बदलाव की मांग को दोहराया। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी और गैर-स्थायी दोनों श्रेणियों में व्यापक सुधार आवश्यक है।
पूर्व में किए निर्णयों का किया जिक्र
भारत की भूमिका का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि हमारी अपनी वैश्विक पहल और राष्ट्रीय प्रयास भी एससीओ के लिए अत्यधिक प्रासंगिक हैं। अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देता है। आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन हमें जलवायु घटनाओं के लिए तैयार करता है। मिशन ‘लाइफ’ एक स्थायी जीवन शैली की वकालत करता है। योगाभ्यास और मोटा अनाज को बढ़ावा देने से स्वास्थ्य और पर्यावरण पर फर्क पड़ता है। वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन ऊर्जा परिवर्तन के कार्य को मान्यता देता है। इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस हमारी जैव-विविधता की रक्षा करता है। घर पर, हमने डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के मूल्य का प्रदर्शन किया है, जैसे हमने महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के प्रभाव को दिखाया है।
इस दौरान उन्होंने कहा, “यदि सीमा पार की गतिविधियां- आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद होंगी तो समानांतर रूप से व्यापार, ऊर्जा प्रवाह, कनेक्टिविटी और लोगों से लोगों के बीच आदान-प्रदान के प्रोत्साहन की संभावना नहीं होंगी।” एससीओ के शासनाध्यक्षों की परिषद की बैठक में संगठन में शामिल देशों के शीर्ष नेता शामिल होते हैं। विदेश मंत्री जयशंकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्थान पर बैठक में शिरकत करने पहुंचे कल यहां पहुंचे थे।