यदि आपने पिछले कुछ महीनों में बड़े पैमाने पर बड़ी संख्या में जमीन की खरीददारी की है तो यह खबर आपके लिए काफी महत्वपूर्ण है। इसकी वजह यह है कि सूबे के अंदर बड़े पैमाने पर जमीन खरीद करने वाले लोगों को आयकर विभाग (INCOME TAX ) की नजर है। इसको लेकर विभाग ने लगभग पांच हजार से अधिक लोगों की लिस्ट तैयार की है और अब इनलोगों पर एक्शन की तैयारी चल रही है।
दरअसल, आयकर विभाग की आसूचना और आपराधिक अन्वेषण इकाई ने पटना जिला के निबंधन कार्यालय का सर्वेक्षण किया। आयकर अधिकारियों की टीम ने कई घंटों तक कार्यालय पहुंच कर सभी कागजातों की जांच की। इस दौरान 2021-22 से 2023-24 के बीच तीन वर्ष के दौरान जमीन निबंधन की निर्धारित न्यूनतम सरकारी मूल्य (एमवीआर) 30 लाख रुपये या इससे अधिक मूल्य की जमीन के बारे में पूरी जानकारी एकत्र की है।
इस लिस्ट के लोगों की संख्या 5200 से अधिक है। इन सभी की लिस्ट आयकर विभाग अपने साथ ले गई है। अब इनकी समुचित तरीके से जांच होगी। यह देखा जाएगा कि इन जमीनों की खरीद का सही स्रोत क्या है? इन 5200 जमीनों की खरीद का मूल्य 4 करोड़ रुपये से अधिक का है। जानकारी हो कि, निबंधन कार्यालय को 30 लाख रुपये से अधिक मूल्य की जितनी जमीन का निबंधन होता है, उसकी जानकारी आयकर विभाग को देनी है।
लेकिन, ऐसा देखने को मिलता है कि निबंधन कार्यालय बड़ी संख्या में इन सूचनाओं को छिपाता है। कुछ सूचनाएं दी भी जाती हैं, तो वे उसमें पैन संख्या गलत होती है या कई तरह की जानकारी सही नहीं होती है। इस कारण से इन लोगों को खोज पाना संभव नहीं हो पाता है। इसके मद्देनजर आयकर विभाग की विशेष टीम ने यह सर्वेक्षण किया है। इस दौरान व्यापक स्तर पर गड़बड़ी पाई गई है।