भारत सरकार ने सांसदों के वेतन, दैनिक भत्ते और पेंशन में बढ़ोतरी की अधिसूचना जारी कर दी है. संसदीय कार्य मंत्रालय के अनुसार, 1 अप्रैल 2023 से संशोधित वेतनमान लागू होगा. सरकार ने महंगाई को ध्यान में रखते हुए सदस्य वेतन, भत्ते और पेंशन अधिनियम, 1954 के तहत यह संशोधन किया है.
संशोधन के तहत, सांसदों का मासिक वेतन 1,00,000 रुपये से बढ़ाकर 1,24,000 रुपये प्रति माह कर दिया गया है। वहीं, दैनिक भत्ता 2,000 रुपये से बढ़ाकर 2,500 रुपये कर दिया गया है। पूर्व सांसदों की मासिक पेंशन 25,000 रुपये से बढ़ाकर 31,000 रुपये कर दी गई है, जबकि अतिरिक्त पेंशन (5 साल से अधिक सेवा के लिए) 2,000 रुपये से बढ़ाकर 2,500 रुपये प्रति माह कर दी गई है।
महंगाई के कारण लिया गया फैसला
सरकार ने यह बढ़ोतरी Cost Inflation Indexको ध्यान में रखते हुए की है, जिससे सांसदों को महंगाई का असर कम महसूस हो। आरबीआई द्वारा तय महंगाई दर और लागत सूचकांक के आधार पर इस संशोधन को लागू किया गया है।
यह फैसला कर्नाटक सरकार द्वारा मुख्यमंत्री, मंत्रियों और विधायकों के वेतन में 100% बढ़ोतरी को मंजूरी देने के कुछ दिनों बाद आया है। इससे पहले कर्नाटक विधानसभा में वेतन बढ़ोतरी पर गरमागरम बहस हुई थी। कर्नाटक सरकार ने कर्नाटक मंत्रियों के वेतन और भत्ते (संशोधन) विधेयक 2025 और कर्नाटक विधानमंडल सदस्यों के वेतन, पेंशन और भत्ते विधेयक 2025 के माध्यम से वेतन संशोधन को मंजूरी दी थी।
सरकारी कर्मचारियों के डीए बढ़ोतरी पर फैसला जल्द…
सरकारी कर्मचारियों को भी डीए (महंगाई भत्ता) में बढ़ोतरी का लंबे समय से इंतजार है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार अगले हफ्ते होने वाली कैबिनेट बैठक में डीए बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे सकती है। अगर मंजूरी मिलती है, तो नया डीए जनवरी 2025 से लागू होगा, और कर्मचारियों को अप्रैल में जनवरी, फरवरी और मार्च का एरियर भी मिल सकता है.