भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच फाइनल मुकाबला अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला जाना है। इस महामुकाबले से पहले एक बार फिर पिच को लेकर मुद्दा गरमाने लगा है। वैसे तो पिछले 3-4 दिनों से पिच पर विवाद हो रहा है। यह विवाद शुरू हुआ था सेमीफाइनल से जब भारत और न्यूजीलैंड के बीच 15 नवंबर को मुकाबला होना था। अब फाइनल से कुछ घंटों पहले ही नया मुद्दा सामने आ गया है।
क्या है नया विवाद?
क्रिकबज ने एक रिपोर्ट में बताया था कि, ऑस्ट्रेलिया के किसी सपोर्ट स्टाफ के मेंबर की तरफ से पिच को लेकर एक नया मुद्दा उठाया गया है। इस रिपोर्ट में उस स्टाफ के हवाले से लिखा गया कि,’पिच को लेकर हमारा यह ऑब्जर्वेशन है कि पिच की दोनों साइड में मौजूद पैच पर पानी नहीं डाला गया है। जिस तरह सेंटर पर वाटरिंग हुई है उस तरह इन पैच पर नहीं किया गया, जिसके कारण स्पिनर्स को मदद मिल सकती है।’ कुछ हालिया रिपोर्ट्स से यह भी पता चला है कि, ऑस्ट्रेलियाई टीम पिच को लेकर खुश नहीं है।
क्या था पूरा विवाद?
यह पूरा विवाद शुरू हुआ था सेमीफाइनल मुकाबले से पहले वानखेड़े की पिच को लेकर कहा गया था कि, मैच से पहले पिच बदल दी गई। इसको लेकर बोला जा रहा था कि, सेमीफाइनल मुकाबला फ्रेश पिच पर होता है जबकि इसे यूज्ड पिच पर कराया गया। इसको लेकर मैच में न्यूजीलैंड की हार के कीवी मीडिया ने भी एंट्री की थी। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क ने भी इसको लेकर पोस्ट किया था और कहा था कि सेमीफाइनल फ्रेश पिच पर होना चाहिए। फाइनल से पहले-पहले ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने अहमदाबाद की पिच को लेकर चर्चा शुरू कर दी।
ICC ने दिया था जवाब
हालांकि, इस पूरे विवाद पर आईसीसी की तरफ से जवाब दिया गया था। आईसीसी ने कहा था कि, ऐसे बड़े इवेंट में यह आम बात है। मैच से पहले पिच इसलिए बदली गई थी क्योंकि शक था कि फ्रेश विकेट काफी स्लो है। और इस फैसले को आईसीसी की सहमति से ही लिया गया था। आईसीसी ने सभी आलोचकों की बोलती बंद कर दी थी। अब फाइनल से पहले भी पिच को लेकर विवाद जारी है। फाइनल मुकाबला शुरू होने वाला है और देखते हैं कि यह विवाद कितना बढ़ता है और कहां तक जाता है।