भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में फाइनल मुकाबले की घड़ी जैसे-जैसे नजदीक आ रही है। वैसे-वैसे यहां की पिच को लेकर चर्चा तेज हो गई है। आपको बता दें कि भारत-न्यूजीलैंड सेमीफाइनल मुकाबले से पहले वानखेड़े की पिच पर विवाद शुरू हुआ था। फाइनल तक भी यह विवाद खिचा। दोनों टीमों के खिलाड़ियों की भी प्रतिक्रियाएं सामने आईं। अब इसको लेकर तस्वीर साफ हो गई है। पता चल चुका है कि किस पिच पर फाइनल मैच होगा।
किस पिच पर होगा फाइनल मुकाबला?
अगर फाइनल मुकाबले की बात करें तो यह उसी पिच पर खेला जाएगा जिस पर भारत और पाकिस्तान का मैच 14 अक्टूबर को हुआ था। उस पिच पर भारतीय टीम ने पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी थी। अब एक बार फिर से टीम इंडिया के लिए ये शुभ संकेत है। वहीं कंगारू टीम की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि जब भारतीय टीम यहां इस पिच पर खेली थी तो गेंदबाजों ने पाकिस्तानी बल्लेबाजी को उखाड़ फेंका था। अब यही डर ऑस्ट्रेलिया पर मंडरा रहा है।
कैसा होगा पिच का मिजाज?
इस पिच की बात करें तो पिछले मैचों के लिहाज से इस पिच पर ज्यादा रन नहीं बने हैं। एक दिन पहले शुक्रवार को क्यूरेटर का भी बयान आया था जिसमें उन्होंने कहा था कि, 315 रन डिफेंड करने लायक होंगे। इस पिच पर स्पिनर्स को मदद मिल सकती है। भारत के पास कुलदीप और जडेजा स्पेशलिस्ट स्पिनर हैं। वहीं ऑस्ट्रेलिया के पास सिर्फ एडम जैम्पा एक स्पेशलिस्ट स्पिनर हैं। जब लीग मैच भी चेन्नई में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुआ था उस मैच में भी स्पिनर्स का जलवा दिखा था और टीम 199 रन ही बना पाई थी। लेकिन भारत को भी जैम्पा और मैक्सवेल व हेड से सावधान रहना होगा।
पहले बल्लेबाजी या बाद में किसे फायदा?
अगर इस मैच में टॉस के रोल की बात करें तो पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम को फायदा भी हो सकता है और नुकसान भी। ये पिच दो-धारी तलवार की तरह काम कर सकती है। जहां पहली पारी में पिच टर्न ले सकती है, तेज गेंदबाज फायदा उठा सकते हैं। वहीं अगर शाम में ओस आई तो गेंदबाजी में भी नुकसान हो सकता है। लेकिन अगर ओस नहीं आई तो शाम के समय पिच धीमी हो सकती है और बाद में खेलने वाली टीम को नुकसान हो सकता है। इसलिए कुछ कहना मुश्किल है। यही कारण है कि अहमदाबाद में 30 में 15-15 वनडे दोनों बाद में और पहले खेलने वाली टीमों ने जीते हैं।