77 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लगातर 10 वीं बार लालकिला से झंडोत्तोलन किया.इस दौरान वायुसेना के हेलीकॉप्टर ने पुष्पवर्षा की ..इस अवसर पर पीएम मोदी ने लालकिले की प्राचीर से 140 करोड़ देशवासियों के संबोधित किय लालकिले की प्राचीर से देशावासियों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि 2014 में आपने मजबूत सरकार बनाई। 2019 में आपने सरकार फॉर्म की, तो मोदी में रिफॉर्म की हिम्मत आई। जब मोदी ने रिफॉर्म किए, तो ब्योरोक्रेसी ने ट्रांसफोर्म करने के लिए परफॉर्म करने की जिम्मेदारी बखूबी निभाई। इससे जनता जनार्दन जुड़ गया.हमलोग भारत को गढ़ रहें हैं। हमारी सोच उस बदलाव को बढ़ावा देने के लिए है, जो 1000 साल तक हमारे भविष्य की रूपरेखा तय करेगी।
अपने संबोधन की शुरूआत करते हुए पीम मोदी ने 140 करोड़ देशवासियों को बधाई दी: उन्हौने महान क्रांतिकारी श्री अरबिंदो की 150 वीं जयंती,स्वामी दयानंद सरस्वती के 150वीं जयंती वर्ष को याद किया.उन्हौने कहा कि इस बार जब हम 26 जनवरी मनाएंगे वो हमारे गणतंत्र दिवस की 75वीं वर्षगांठ होगी। मैं भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अपना योगदान देने वाले सभी बहादुरों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।
पेम मोदी ने प्राकृतिक आपदा में जान गंवाने वालों को याद करते हुए कहा कि इस बार प्राकृतिक आपदा ने देश के अनेक हिस्सों में अकल्पनीय संकट पैदा किए। जिन परिवारों ने इस संकट को सहन किया है मैं उन सभी परिवारों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करता हूं। राज्य-केंद्र सरकार मिलकर उन सभी संकटों से मुक्त होकर तेजी से विकास की ओर आगे बढ़ेंगी, ये विश्वास दिलाता हूं।
मणिपुर की चर्चा करते हुए कहा कि पूर्वोत्तर में विशेषकर मणिपुर में, जो हिंसा का दौर चला, कई लोगों को अपना जीवन खोना पड़ा, मां-बेटियों के सम्मान के साथ खिलवाड़ हुआ। लेकिन कुछ दिनों से लगातार शांति की खबरें आ रही हैं।इस शांति को आगे बढ़ाकर समाधान का रास्ता निकालने की कोशिश हो रही है.केंद्र और राज्य की सरकार मिलकर उन समस्याओं के समाधान के लिए भरपूर प्रयास कर रही है और करती रहेगी।
1000 साल की गुलामी के बाद देश संवर रहा है: वीरों ने इस कालखंड में कोई भूभाग ऐसा नहीं था…कोई समय ऐसा नहीं था जब उन्होंने देश की आजादी के लौ को जलता न रखा हो। मां भारती बेड़ियों से मुक्त होने के लिए उठ खड़ी हुई थी। जंजीरों को झकझोर रही थी। देश की नारी शक्ति से लेकर कोई हिंदुस्तानी ऐसा नहीं था जो आजादी के सपने को लेकर जीता न हो। त्याग और तपस्या का वो व्यापक रूप एक नए विश्वास जगाने वाला वो पल आखिरकार 1947 में देश में आजाद हुआ। 1000 साल की गुलामी में संजोये हुए सपने देश ने संवरते हुए देखा। मैं देख रहा हूं फिर एकबार देश के सामने एक मौका आया है। ये अमृतकाल का पहला वर्ष है, या तो हम जवानी में जी रहे हैं, या हम इस कालखंड में जी रहे हैं। सर्वजन हिताय और सर्वजन सुखाय के लिए काम करेंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे फैसले एक हजार साल तक अपनी दिशा निर्धारित करने वाला है: ‘विश्वभर में भारत की चेतना के प्रति, भारत के सामर्थ्य के प्रति एक नया आकर्षण, एक नया विश्वास पैदा हुआ है। ये प्रकाशपुंज भारत से उठा है, जो विश्व अपने लिए ज्योति के रूप में देख रहा है। हम जो भी करेंगे, जो भी कदम उठाएंगे, जो फैसला लेंगे, वो अगले एक हजार साल तक अपनी दिशा निर्धारित करने वाला है, भारत के भाग्य को लिखने वाला है।’
उन्हौने कहा कि हमारे पास डेमोग्राफी, डेमोक्रेसी और डाइवर्सिटी है. ये तीनों मिलकर देश के सपनों को साकार करने की क्षमता रखते हैं। मैं पिछले 1000 वर्षों की बात इसलिए कर रहा हूं क्योंकि मैं देख रहा हूं कि देश के सामने एक बार फिर अवसर है। अभी हम जिस युग में जी रहे हैं इस युग में हम जो करेंगे, जो कदम उठाएंगे और एक के बाद एक जो निर्णय लेंगे, वह स्वर्णिम इतिहास को जन्म देगा।
पीएम मोदी ने कहा कि देशवासियों को तीन गारंटी भी हमने दी है. पहली- अगले कुछ सालों में भारत दुनिया का तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनेगा। दूसरी- शहरों में किराए के मकानों में रहने वालों को बैंक लोन में रियायत मिलेगी। तीसरी- देशभर में 10 हजार से बढ़ाकर 25 हजार जनऔषधी केंद्र खोले जाएंगे।