देश के स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले होने वाली भारत-चीन कमांडर स्तर की वार्ता सुबह साढ़े 9 बजे शुरू हो जाएगी। यह वार्ता पूर्वी लद्दाख में चुशूल सीमा बैठक बिंदु पर आयोजित होगी। इसमें दोनों देशों के कमांडर स्तर के अधिकारी शामिल होंगे। बता दें कि जून 2020 में हुई गलवान झड़प के बाद दोनों देशों के बीच यह 19वीं बैठक है, लेकिन अभी तक कोई भी बैठक और बातचीत अपने मुकाम पर नहीं पहुंच सकी है।
बता दें कि जून 2020 में गलवान घाटी में हिंसा और फिर नवंबर 2022 में तवांग में चीनी सैनिकों से झड़प के बाद से भारत और चीन के संबंध बहुत खराब दौर में चल रहे हैं। भारत सीमा के विवादित क्षेत्रों से चीन को अपनी सेना हटाने को कहता आ रहा है, मगर ड्रैगन अभी तक इसपर राजी नहीं हुआ है। यही वजह है कि भारत-चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गतिरोध और तनाव कायम है।
बेहद ही अहम मानी जा रही है यह बैठक
बता दें कि गलवान हिंसा हिंसा के बाद दोनों देशों के बीच 18 बार बातचीत हो चुकी हैं, लेकिन यह सभी बैठकें सफल नहीं हो सकीं। ऐसे में यह बैठक बेहद ही अहम मानी जा रही है। जानकारी के अनुसार, अभी तक हुई बैठकों में भारतीय अधिकारियों से साफ़ कर दिया था कि वह कोई भी समझौता केवल अपनी शर्तों पर ही करेंगे। चीन चाहता है कि भारत इस बार दवाब में आकर उनकी नाजायज मांगों को मान ले, लेकिन भारत इस बार समझौते के मूड में नहीं है।