भारत को पंद्रह सदस्यीय ग्लोब संचालन समिति (ग्लोब स्टीयरिंग कमेटी) के लिए चुना गया है।इसका फैसला चीन की राजधानी बीजिंग में गुरुवार को आयोजित पूर्ण अधिवेशन के दौरान लिया गया। संचालन समिति के सदस्य के रूप में भारत भ्रष्टाचार और संपत्ति वसूली के खिलाफ वैश्विक एजेंडे को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को जारी बयान में यह जानकारी दी।
ग्लोब नेटवर्क अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए महत्वपूर्ण मंच है और भारत की भागीदारी सीमा पार वित्तीय अपराधों और भ्रष्टाचार से निपटने के अपने प्रयासों को मजबूत करेगी। भ्रष्टाचार विरोधी कानून प्रवर्तन प्राधिकरणों का वैश्विक परिचालन नेटवर्क (ग्लोब नेटवर्क) जी 20 की पहल थी। भारत ने 2020 में इस पहल का समर्थन किया था।
2021 को भ्रष्टाचार के खिलाफ किया गया था लॉन्च
ग्लाेब नेटवर्क को आधिकारिक तौर पर 3 जून 2021 को भ्रष्टाचार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र महासभा के विशेष सत्र (यूएनजीएएसए) में विशेष कार्यक्रम के दौरान लॉन्च किया गया था। ग्लोब नेटवर्क में अब 121 सदस्य देश और 219 सदस्य प्राधिकरण हैं। गृह मंत्रालय (एमएचए) ग्लोब नेटवर्क के लिए केंद्रीय प्राधिकरण है और केंद्रीय जांच ब्यूराे (सीबीआई) व परावर्तन निदेशालय (ईडी) भारत से इस नेटवर्क के सदस्य प्राधिकरण हैं।
एजेंसियां सर्वोत्तम प्रथाओं, आपराधिक खुफिया जानकारी करती हैं साझा
ग्लोब नेटवर्क एक अनूठे मंच के रूप में उभर रहा है जहां दुनिया भर की एजेंसियां सर्वोत्तम प्रथाओं, आपराधिक खुफिया जानकारी साझा करती हैं, रणनीतियों का विकास करती हैं। संगठन को नेतृत्व प्रदान करने के लिए नेटवर्क में एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष और संचालन समिति में 13 सदस्य हैं। 2023 में भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान भ्रष्टाचार से निपटने के लिए दो उच्चस्तरीय सिद्धांतों को अपनाया गया था।