चिंताओं से घिरे विश्व में आशा का संचार कर रहा भारत : प्रधानमंत्री मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि भारत विभिन्न चिंताओं से घिरे विश्व में आशा का संचार कर रहा है और हर क्षेत्र में अभूतपूर्व गति से काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे तीसरे कार्यकाल में काम की गति के कारण कई एजेंसियों ने भारत के विकास के पूर्वानुमान को संशोधित किया है।

प्रधानमंत्री ने नई दिल्ली में एक निजी समाचार चैनल के वर्ल्ड समिट 2024 : द इंडिया सेंचुरी के संबोधन में कहा कि इस समिट में अनेक विषयों पर चर्चा होगी। अलग-अलग सेक्टर्स से जुड़े ग्लोबल लीडर्स भी अपनी बात रखेंगे। उन्होंने कहा कि बीते 4-5 साल के दौरान ज्यादातर चर्चाओं में भविष्य को लेकर चिंता कॉमन रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना के समय वैश्विक महामारी से निपटने की चिंता थी। कोविड बढ़ा तो दुनिया भर की अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता होने लगी।

कोरोना ने महंगाई और बेरोजगारी पर चिंता बढ़ायी। जलवायु परिवर्तन को लेकर चिंता तो थी ही, फिर जो युद्ध शुरू हुए, उनकी वजह से चिंता और बढ़ गई। उन्होंने कहा कि आज हम भारतीय सदी के बारे में चर्चा करने के लिए यहां आए हैं। जब दुनिया अनिश्चितताओं से जूझ रही है, तब भारत आशा की किरण बनकर चमक रहा है। हालांकि भारत की अपनी चिंताएं हैं, लेकिन हम सभी भारत के प्रति सकारात्मकता महसूस करते हैं।

उन्होंने पिछले एक दशक की विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि पिछले 10 साल में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले। पिछले 10 सालों में करीब 12 करोड़ शौचालय बने, 16 करोड़ लोगों को गैस कनेक्शन मिले। पिछले 10 साल में भारत में 350 से ज्यादा मेडिकल कॉलेज और 15 से ज्यादा एम्स बने। पिछले 10 साल में भारत में 1.5 लाख से ज्यादा नए स्टार्टअप बने। 8 करोड़ युवाओं ने मुद्रा लोन लेकर पहली बार अपना काम शुरू किया है।

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