हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की गतिविधियों पर भारत की कड़ी नजर: नौसेना प्रमुख

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भारतीय नौसेना की हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में चीन की गतिविधियों पर कड़ी नजर है। यह बात नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने सोमवार कही। उन्होंने कहा कि हम चीनी नौसेना इकाइयों सहित हिंद महासागर क्षेत्र में सक्रिय अतिरिक्त क्षेत्रीय बलों की गतिविधियों पर भी कड़ी नजर रखे हुए है। चाहे वे उनके युद्धपोत या अनुसंधान पोत हों। पैनी नजर रखने की वजह से ही हम जानते हैं कि कौन कहां और कैसे क्या कर रहा है।

अगले 2 महीनों के भीतर 26 राफेल लड़ाकू विमानों और 3 पनडुब्बियों का सौदा पूरा करेगा भारत 

नौसेना प्रमुख ने कहा कि भारत अगले दो महीनों के भीतर भारतीय नौसेना के लिए 26 राफेल लड़ाकू विमानों और तीन अतिरिक्त भारत निर्मित स्कॉर्पीन पनडुब्बियों के सौदे को पूरा करेगा। नौसेना दिवस की वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आज एडमिरल त्रिपाठी ने कहा कि 29 अगस्त को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने परमाणु ऊर्जा से चलने वाली बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी आईएनएस अरिघाट को नौसेना के बेड़े में शामिल किया है, जो हमारे परमाणु त्रिकोण का तीसरा चरण है।

उन्होंने यह भी कहा कि फ्रांस के साथ प्रस्तावित राफेल मरीन लड़ाकू विमान सौदे की बातचीत काफी आगे बढ़ चुकी है और अब इसे सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति के पास ले जाना बाकी है। चूंकि, यह सरकार से सरकार के बीच का सौदा है, इसलिए इसमें ज्यादा समय नहीं लगेगा। भारतीय नौसेना को अगले महीने तक राफेल-मरीन और तीन अतिरिक्त स्कॉर्पीन पनडुब्बियों के सौदे पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है।

नौसेना प्रमुख से जब पूछा गया कि क्या चीन निकट भविष्य में हिंद महासागर क्षेत्र में प्रतिस्पर्धी होगा, तो उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि आपने चीन के बारे में सुना होगा कि वह खुद को मध्य साम्राज्य कहता है। एक किताब ‘द हंड्रेड-ईयर मैराथन’ में बताया गया है कि चीनी लोग क्या बनना चाहते हैं। उनका एक सपना है कि वे विश्व शक्ति बनना चाहते हैं। हम ऐसा होते हुए देख रहे हैं। हमारा मानना है कि यह प्रशांत महासागर में और अधिक स्पष्ट होगा और हम यह सुनिश्चित करने के लिए निगरानी कर रहे हैं कि हमारे हिंद महासागर क्षेत्र में हमारे हितों पर कोई असर न पड़े।

पड़ोसियों से सभी खतरों से निपटने में सक्षम होने के लिए अपनी अवधारणाओं में कर रहे बदलाव 

वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी नौसेना के कई युद्धपोत और पनडुब्बियां चीन के सहयोग से बनाई जा रही हैं, जो दर्शाता है कि चीन पाकिस्तान की नौसेना को और मजबूत बनाने में दिलचस्पी रखता है। उनकी आठ नई पनडुब्बियों में पाकिस्तानी नौसेना के लिए महत्वपूर्ण युद्ध क्षमता होगी, लेकिन हम उनकी क्षमताओं से पूरी तरह वाकिफ हैं। यही कारण है कि हम अपने पड़ोसियों से सभी खतरों से निपटने में सक्षम होने के लिए अपनी अवधारणाओं में बदलाव कर रहे हैं। हम पाकिस्तानी नौसेना की आश्चर्यजनक वृद्धि से अवगत हैं, जिसका लक्ष्य 50 जहाजों वाली नौसेना बनना है। उन्होंने अपने लोगों के कल्याण करने के बजाय हथियारों को चुना है।

परमाणु ऊर्जा से चलने वाली हमलावर पनडुब्बियां हो जाएंगी तैयार

हाल ही में आईएनएस अरिघाट से 3,500 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली परमाणु सक्षम मिसाइल के-4 के परीक्षण पर नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने कहा कि भारत का मिसाइल परीक्षण पूरी तरह सफल रहा। संबंधित एजेंसियां मिसाइल के प्रक्षेप पथ की जांच कर रही हैं और जल्द ही हमें इसके परिणाम पता चल जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि पहली परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत ने कई गश्त की है और दूसरी ने अभी मिसाइल परीक्षण किया है। परमाणु ऊर्जा से चलने वाली हमलावर पनडुब्बियां उस समय तक तैयार हो जाएंगी, जो हमने सरकार को संकेत दिया है।

देश में 62 युद्धपोत और एक पनडुब्बी निर्माणाधीन 

नौसेना प्रमुख ने कहा कि देश में 62 युद्धपोत और एक पनडुब्बी निर्माणाधीन हैं और प्रोजेक्ट-75 इंडिया की छह पनडुब्बियों सहित 31 और शक्तिशाली युद्धपोतों और पनडुब्बियों की आवश्यकता को स्वीकार किया गया है। इसमें नौसेना के लिए 60 यूटिलिटी हेलिकॉप्टर मरीन शामिल हैं। सरकार ने दो परमाणु पनडुब्बियों के भी देश में निर्माण की मंजूरी दे दी है, जो देश में बन रहे हथियारों पर बढ़ रहे विश्वास को दर्शाता है। कई जहाज तैयार हैं और कम से कम एक जहाज को अगले साल ही नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा। एडमिरल त्रिपाठी ने कहा कि हमने अहम और आधुनिक तकनीक को नौसेना में शामिल करने की कोशिशें कई गुना बढ़ा दी हैं।

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