भारत नक्सलवाद को खत्म करने के कगार पर है और पिछले 10 साल में नक्सल हिंसा की घटनाओं में 52 प्रतिशत की कमी आई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हजारीबाग में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के 59वें स्थापना दिवस समारोह में जवानों को संबोधित करते हुए यह बात कही। करीब 2.65 लाख कर्मचारियों वाले इस पैरा मिलिट्री फोर्स का गठन 1965 में आज ही के दिन किया गया था।
नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या घटी
अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा कि पिछले 10 वर्षों में नक्सली हिंसा की घटनाओं में 52 प्रतिशत की कमी आई है, इन घटनाओं में होने वाली मौतों में 70 प्रतिशत की कमी आई है और प्रभावित जिलों की संख्या 96 से घटकर 45 रह गई है। उन्होंने कहा कि वामपंथ उग्रवाद प्रभावित थाना क्षेत्रों की संख्या 495 से घटकर 176 हो गई है।
नक्सलवाद खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध
गृह मंत्री ने कहा, ‘‘बीएसएफ, सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) और आईटीबीपी (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) जैसे बलों द्वारा एलडब्ल्यूई (वामपंथी उग्रवाद) के खिलाफ आखिरी प्रहार किया जा रहा है। हम देश में नक्सलवाद को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’
सुरक्षा बलों के हाल के अभियानों का किया जिक्र
अमित शाह ने कहा कि उनकी सरकार झारखंड सहित विभिन्न राज्यों में सशस्त्र माओवादी कैडर के हिंसक वामपंथी उग्रवाद को खत्म करने के कगार पर है। शाह ने कहा कि उनकी सरकार झारखंड सहित विभिन्न राज्यों में सशस्त्र माओवादी कैडर के हिंसक वामपंथी उग्रवाद को खत्म करने के कगार पर है। उन्होंने राज्य में बूढा पहाड़ और छकरबंधा की पहाड़ियों और जंगलों में सुरक्षा बलों द्वारा हाल में चलाए गए अभियानों का भी जिक्र किया जिससे बड़े इलाके को माओवादियों के चंगुल से मुक्त कराया गया।
अमित शाह ने कहा, ‘‘मुझे यकीन है कि हम यह लड़ाई जीतेंगे।’’ उन्होंने कहा कि 2019 के बाद से वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बलों के 199 नए शिविर स्थापित किए गए हैं। शाह ने कहा कि मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के पिछले 10 वर्षों में ‘‘हम जम्मू कश्मीर के हॉटस्पॉट, वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों और पूर्वोत्तर में उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई जीतने में सक्षम रहे हैं और सुरक्षा बल जम्मू कश्मीर में अपना दबदबा स्थापित करने में सक्षम रहे हैं।’’