भारत बनेगा दुनिया का सेमीकंडक्टर हब
केंद्र सरकार की कोशिश भारत को दुनिया का सेमीकंडक्टर हब बनाना है। भविष्य में सेमीकंडक्टर की बढ़ती हुई भूमिका को देखते हुए वैश्विक और घरेलू कंपनियों द्वारा बड़े स्तर पर इस सेक्टर में निवेश किया जा रहा है।
केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से देश में अब तक 6 सेमीकंडक्टर प्लांट्स को मंजूरी दी जा चुकी है। इन छह सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स में अलग-अलग कंपनियों द्वारा करीब 2.36 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है।
अदाणी ग्रुप और टावर सेमीकंडक्टर प्लांट : भारत के अदाणी ग्रुप और इजराइल की कंपनी टावर सेमीकंडक्टर की ओर से महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के पनवेल में स्थापित किए जा रहे सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग प्रोजेक्ट को हाल ही में महाराष्ट्र सरकार की ओर से अनुमति मिली है। इस प्रोजेक्ट में कुल दो चरणों के तहत 83,947 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। प्रोजेक्ट का पहला चरण पूरा होने पर इसकी उत्पादन क्षमता 40,000 वेफर्स प्रति महीने की होगी। वहीं, दूसरा चरण पूरा होने के बाद इसकी क्षमता 80,000 वेफर्स प्रति महीने की हो जाएगी।
माइक्रोन ओएसएटी प्लांट : अमेरिका की चिप बनाने वाली कंपनी माइक्रोन की ओर से गुजरात के साणंद जिले में करीब 23,000 करोड़ रुपये के निवेश से आउटसोर्सिंग असेंबली और टेस्टिंग यूनिट (ओएसएटी) प्लांट बनाया जा रहा है। यह भारत में स्थापित होने वाला पहला सेमीकंडक्टर प्लांट है। इस प्लांट में डीआरएएम और एनएएनडी उत्पादों की असेंबली और टेस्टिंग की जाएगी। इसमें बनी चिप की आपूर्ति घरेलू से साथ-साथ वैश्विक बाजारों में भी की जाएगी। यह प्लांट अगले साल के मध्य तक शुरू हो सकता है। इसके लिए केंद्र सरकार 50 प्रतिशत और गुजरात सरकार 20 प्रतिशत वित्तीय सहायता उपलब्ध करा रही है।
टाटा-पीएसएमसी सेमीकंडक्टर प्लांट : भारत का टाटा ग्रुप, ताइवानी कंपनी पावरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉरपोरेशन (पीएसएमसी) के साथ मिलकर गुजरात के धोलेरा में सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन फैसिलिटी (फैब) का निर्माण कर रहा है। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्च 2024 में किया था। इस प्लांट में 91,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इसमें होने वाले पूंजीगत खर्च में 50 प्रतिशत योगदान केंद्र सरकार देगी। इस प्लांट की उत्पादन क्षमता 50,000 वेफर्स प्रति महीने की होगी। धोरेला प्लांट से सेमीकंडक्टर का उत्पादन दिसंबर 2026 तक शुरू हो सकता है।
टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स सेमीकंडक्टर प्लांट : टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स की ओर से असम के मोरीगांव के जगीरोड में एक ग्रीनफील्ड सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्टिंग सुविधा स्थापित की जा रही है। यह उत्तर पूर्व में लगने वाला पहला सेमीकंडक्टर प्लांट है। इस प्लांट में करीब 27,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।
सीजी पावर साणंद ओएसएटी प्लांट : भारत की कंपनी सीजी पावर की ओर से जापान के रेनेसास इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन और थाईलैंड की स्टार्स माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स के साथ मिलकर गुजरात के साणंद में अत्याधुनिक ओएसएटी प्लांट बनाया जा रहा है। इस प्लांट में अगले पांच वर्षों में करीब 7,600 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इस प्लांट में कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, इंस्ट्रीयल उपकरण और 5जी टेक्नोलॉजी में उपयोग होने वाले सेमीकंडक्टर बनाए जाएंगे। इस प्लांट में करीब 1.5 करोड़ चिप प्रतिदिन बनाई जाएगी।
कायन्स सेमीकॉन प्लांट : कायन्स सेमीकॉन की ओर से गुजरात के साणंद में 3,307 करोड़ रुपये के निवेश से ओएसएटी प्लांट स्थापित किया जा रहा है। इस प्लांट में करीब 63 लाख चिप प्रतिदिन बनाई जाएगी। इस प्लांट को मंजूरी सितंबर की शुरुआत में कैबिनेट की ओर से दी गई थी।
केंद्र सरकार इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) के तहत कंपनियों को सेमीकंडक्टर प्लांट लगाने पर 50 प्रतिशत की पूंजीगत सहायता दे रही है।
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