भारतीय सेना की त्रिशक्ति कोर ने सिक्किम और सिलीगुड़ी कॉरिडोर की रक्षा को मजबूत करने के लिए महीनेभर का लाइव फायरिंग अभ्यास सफलतापूर्वक पूरा किया। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य सेना की युद्ध क्षमता को बढ़ाना और बख्तरबंद युद्ध रणनीतियों को परखना था। इस दौरान, सेना ने आधुनिक हथियारों और तकनीकों के साथ युद्ध अभ्यास किया जिससे उच्च ऊंचाई वाले इलाकों में सैन्य तैयारियों को और अधिक मजबूत किया गया।
इस दौरान, भारतीय सेना के सबसे आधुनिक मुख्य युद्धक टैंकों में से एक, T-90 टैंक का उपयोग किया गया। T-90 टैंक उन्नत फायर कंट्रोल सिस्टम, बेहतर गतिशीलता और मजबूत सुरक्षा से लैस है। यह टैंक एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) दागने में सक्षम है, जिससे यह दूर से ही दुश्मन के बख्तरबंद वाहनों को नष्ट कर सकता है। इसके अलावा, इसमें थर्मल इमेजिंग और आधुनिक सेंसर लगे हैं, जो इसे रात और किसी भी मौसम में युद्ध के लिए पूरी तरह तैयार बनाते हैं।
अभ्यास में कई प्रमुख बिंदुओं पर ध्यान दिया गया, जिनमें सटीक हमले की क्षमता का परीक्षण, उन्नत गोला-बारूद और गाइडेड मिसाइलों का उपयोग, ड्रोन के साथ समन्वय स्थापित करना, मानव और मशीन के बीच तालमेल बढ़ाना, तथा ऊंचाई वाले क्षेत्रों में युद्ध की तैयारी को बेहतर बनाना शामिल है। इसके अलावा, भारतीय सेना ने इस अभ्यास के माध्यम से ‘आत्मनिर्भर भारत’ को भी बढ़ावा दिया, जिसमें स्वदेशी रक्षा तकनीकों और स्थानीय स्तर पर निर्मित गोला-बारूद का अधिक उपयोग किया गया।
अभ्यास की सफलता पर एक वरिष्ठ सेना अधिकारी ने कहा, “इस अभ्यास का उद्देश्य चुनौतीपूर्ण इलाकों में हमारी बख्तरबंद युद्ध क्षमता को परखना और सुधारना था। T-90 टैंकों को हवाई निगरानी और आधुनिक तकनीकों के साथ जोड़ने से हमारी युद्ध तैयारियों में जबरदस्त सुधार हुआ है। हमारे सैनिकों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया, जिससे यह साफ होता है कि भारतीय सेना हर स्थिति में पूरी तरह तैयार है।”
भारतीय सेना की त्रिशक्ति कोर का यह अभ्यास सैन्य आधुनिकीकरण और क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह अभ्यास दिखाता है कि भारतीय सेना लगातार नई तकनीकों, स्वदेशी नवाचारों और बदलती युद्ध रणनीतियों के माध्यम से अपनी युद्ध क्षमता को मजबूत कर रही है, ताकि देश को हर प्रकार के सुरक्षा खतरे से बचाया जा सके।
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