जम्मू-कश्मीर से जब धारा 370 हटाई गई तो सबसे ज्यादा परेशानी पाकिस्तान को हुई। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद पर शिकंजा कसे जाने के बाद पाकिस्तान और भी बौखला गया। अब वह फिर से कश्मीर घाटी में आतंकी गतिविधियां बढ़ाने की फिराक में है। हालांकि खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के आधार पर भारतीय सेना आतंकियों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाने जा रही है। इस अभियान का नाम ‘ऑपरेशन सर्वशक्ति’ दिया गया है।
आम तौर पर आतंकी जंगलों और पहाड़ियों का फायदा उठाकर छिप जाते हैं और फिर नागरिकों या फिर जवानों पर हमला कर देते हैं। सेना यह ऑपरेशन पीर पंजाल की पहाड़ियों के दोनों तरफ से चलाएगी। हाल के दिनों में पाकिस्तान के आतंकी संगठन दक्षिण पीर पांजाल की पहाड़ियों के आसपास राजौरी, पुंछ में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के प्रयास में रहते हैं। हाल ही में इस इलाके में आतंकी हमलों में 20 जवान शहीद हो गए हैं। 21 दिसंबर के हमले में चार सैनिक शहीद हो गए थे।
श्रीनगर की चिनार कोर के साथ नगरोटा की वाइट नाइट कोर को यह ऑपरेशन चलाने की जिम्मेदारी दी गई है। पीर पंजाल की पहाड़ियों के दोनों तरफ से सेना आतंकियों का सफाया शुरू करेगी। एएनआई न्यूज एजेंसी के मुताबिक सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि दोनों तरफ से सेना एक साथ ऑपरेशन शुरू करेगी। खास तौर पर राजौरी और पुंछ में बढ़ती आतंकी घटनाओँ पर शिकंजा कसने के लिए यह ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इशमें कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ, स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप और खुफिया एजेंसियां भी शामिल होंगी।
बताया जा रहा है कि यह ऑपरेशन भी ऑपरेशन सर्पविनाश की तरह ही चलाया जाएगा। यह ऑपरेशन इसी इलाके में 2003 में चलाया गया था। आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडेय ने हाल ही में कहा था कि 2003 में इस इलाके से आतंकियों का सफाया किया गया था। हालांकि पाकिस्तान एक बार फिर से साजिश कर रहा है औऱ आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है। जानकारी के मुताबिक उच्चस्तरीय बैठक के बाद ऑपरेशन को चलाने का फैसला किया गया है। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और एनएसए अजित डोभाल भी शामिल थे। नॉर्दर्न आर्मी हेडक्वार्टर की निगरानी में ऑपरेशन चलाया जाएगा।
सेना राजौरी और पुंछ सेक्टर में जवानों की तैनाती भी बढ़ा रही है। इसके अलावा इस इलाके में खुफिया तंत्र भी बढ़ाया जा रहा है। सूत्रों का यह भी कहना है कि कृष्णा घाटी इलाके में जब सेना के वाहन पर आतंकियों ने हलमा किया था तो जवाब में गोली इसलिए नहीं चलाई गई थी क्योंकि वहां बड़ी संख्या में आम नागरिक भी मौजूद थे।