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तय समय सीमा से चार महीने पहले भारतीय नौसेना को मिला मिसाइलों से लैस युद्धपोत इंफाल

मझगांव डॉक शिपबिल्डिर्स लिमिटेड (एमडीएल) ने तय समय से चार महीने पहले ही इंफाल नाम का युद्धपोत भारतीय नौसेना के हवाले कर दिया है। 15बी क्लास गाइडेड मिसाइल विध्वंसक श्रेणी का यह तीसरा खुफिया युद्धपोत है। यह पहला नौसैनिक युद्धपोत है जिसे महिला अफसरों और नाविकों के रहने के लिहाज से बनाया गया है।

मझगांव डॉक शिपबिल्डिर्स लिमिटेड (एमडीएल) ने शुक्रवार (20 अक्टूबर) को भारतीय नौसेना को यार्ड 12706 इंफाल युद्धपोत सौंप दिया। एमडीएल ने इस युद्धपोत को स्वदेशी स्टील डीएमआर 249ए से बनाया है। यह भारत में बना अब तक का सबसे विशाल विनाशक युद्धपोत है। इसकी कुल लंबाई 164 मीटर और यह 7500 टन वजन वहन कर सकता है।

युद्धपोत इंफाल में समुद्र के अंदर भी युद्ध करने की क्षमता

यह युद्धपोत इंफाल विभिन्न नौसैनिक क्षमताओं वाले कई अभियानों को पूरा करने में सक्षम है। इंफाल युद्धपोत सतह से सतह पर मार करने वाले सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइलों और मध्यम रेंज की सतह से हवा में मार करने वाली बराक-8 मिसाइलों से लैस है। इस युद्धपोत में समुद्र के अंदर भी युद्ध करने की क्षमता है।

युद्धपोत इंफाल में 312 चालक दल के सदस्य हो सकते हैं

यह युद्धपोत इंफाल देश में विकसित घातक पनडुब्बी रोधक हथियारों और सेंसरों से लैस है। इसमें सोनार हमजा एनजी, भारी-भरकम तारपीडो ट्यूब लॉन्चर और एएसडब्ल्यू राकेट लॉन्चर भी लगे हैं। इस युद्धपोत में 312 चालक दल के सदस्य हो सकते हैं। यह अभियान क्षेत्र में 4000 नॉटिकल मील तक सफर कर सकता है और विस्तारित समयसीमा के साथ 42 दिनों का अभियान एकमुश्त चला सकता है।

वहीं, इस युद्धपोत पर दो हेलीकॉप्टर भी तैनात हैं। यह शक्तिशाली कम्बाइंड गैस एंड गैस प्रोपलजन प्लांट (कोगैग) से लगातार चार रिवर्सिबिल गैस टरबाइन संचालित करता है। इससे इंफाल की गति 30 नाट (करीब 55 किमी प्रति घंटे से अधिक) रहती है। आत्मनिर्भर भारत के तहत बना पहला जहाज पी15बी (विशाखापत्तनम) को 21 नवंबर, 2021 को कमीशन किया गया था। दूसरा जहाज 18 दिसंबर, 2022 को मोरमुगाओ कमीशन हुआ था।


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Rajkumar Raju

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