पश्चिमी अरब सागर में हूती आतंकवादियों द्वारा मालवाहक जहाजों पर हमलों और समुद्री डकैती की बढ़ती घटनाओं के बीच, भारतीय नौसेना ने पिछले एक साल में 230 से ज्यादा व्यापारिक जहाजों को सुरक्षा प्रदान की। इस दौरान, नौसेना ने 25 से अधिक घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई की, जिससे 400 से ज्यादा लोगों की जान बचाई गई। रक्षा मंत्रालय ने यह जानकारी दी। नौसेना ने एक समीक्षा में बताया कि उसने 4 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक मूल्य के 90 लाख मीट्रिक टन से अधिक माल का परिवहन करने वाले जहाजों को सुरक्षा दी। इस दौरान, विशेष रूप से हूती आतंकवादियों के हमलों का सामना कर रहे जहाजों को मदद दी गई।
इन हमलों का उद्देश्य इजराइल पर दबाव डालना था, ताकि वह गाजा में अपनी सैन्य कार्रवाइयों को रोके। इजराइल-हमास संघर्ष के बीच, भारतीय नौसेना ने समुद्री सुरक्षा अभियान को सक्रिय रखा और भारतीय ध्वज वाले व्यापारिक जहाजों तथा भारत के लिए महत्वपूर्ण वस्तुओं का परिवहन करने वाले जहाजों की सुरक्षा सुनिश्चित की। मंत्रालय ने बताया कि “भारतीय नौसेना ने पिछले एक साल में 30 से ज्यादा जहाजों को तैनात किया और 25 से अधिक घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई की।”
इसके अलावा, नवम्बर 2024 तक, भारतीय नौसेना ने 230 से अधिक व्यापारिक जहाजों की सुरक्षा सुनिश्चित की, जो 90 लाख मीट्रिक टन माल का परिवहन कर रहे थे।
नौसेना की विश्वसनीय और त्वरित कार्रवाई की अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर सराहना की गई है, जिससे उसकी स्थिति एक ‘पसंदीदा सुरक्षा साझेदार’ और ‘प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता’ के रूप में मजबूत हुई है। नौसेना के आधुनिकीकरण पर भी ध्यान दिया गया है, जिसमें 64 युद्धपोतों को शामिल करने की योजना बनाई गई है, जिनमें से 63 भारत में निर्मित होंगे। अब तक, भारतीय नौसेना ने 133 से अधिक जहाजों और पनडुब्बियों का निर्माण किया है, जो आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।