म्यांमार में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। विदेश मंत्रालय ने इस संबंध में एक एडवाइजरी जारी कर दी है। इस एडवाइजरी में भारतीय नागरिकों से म्यांमार के रखाइन प्रांत की यात्रा नहीं करने की सलाह दी है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि वर्तमान में रखाइन राज्य में रह रहे भारतीय नागरिक तुरंत यहां से किसी दूसरे सुरक्षित स्थान की ओर चले जाएं।
विदेश मंत्रालय ने अपनी एडवाइजरी में कहा, ‘बिगड़ती सुरक्षा स्थिति, लैंडलाइन सहित दूरसंचार के अन्य साधनों में व्यवधान और आवश्यक वस्तुओं की गंभीर कमी को देखते हुए, सभी भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे म्यांमार के रखाइन राज्य की यात्रा न करें, जो भारतीय नागरिक पहले से ही रखाइन में हैं, उन्हें तुरंत यहां से बाहर निकलने की सलाह दी जाती है’।
म्यांमार के कइ इलाके हिंसा की चपेट में
पिछले कुछ महीनों में रखाइन राज्य और म्यांमार के कई अन्य क्षेत्र हिंसा की चपेट में हैं। अक्टूबर 2023 से सशस्त्र जातीय समूहों और सत्तारूढ़ जुंटा के बीच गंभीर लड़ाई हो रही है। मरियम-वेबस्टर डिक्शनरी ने जुंटा को “विशेष रूप से सत्ता पर क्रांतिकारी कब्ज़ा होने के बाद सरकार को नियंत्रित करने वाले व्यक्तियों का एक समूह” के रूप में परिभाषित किया है। म्यांमार जुंटा ने फरवरी 2021 में तख्तापलट के जरिए सत्ता हथिया ली और उन चुनावों को मान्यता देने से इनकार कर दिया। इनमें पूर्व स्टेट काउंसलर आंग सान सू की की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) को भारी जीत मिली थी।
नवंबर के बाद से ही भारत म्यांमार सीमा के पास हिंसा जारी
नवंबर के बाद से म्यांमार के कई शहरों और भारत-म्यांमार सीमा के पास के क्षेत्रों में दोनों पक्षों के बीच हिंसा बढ़ गई है। म्यांमार नागालैंड और मणिपुर सहित कई पूर्वोत्तर राज्यों के साथ 1,640 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है।
हमलों से बचने के लिए भारत में प्रवेश करने लगे घुसपैठिए
म्यांमार की सेना अपने विरोधियों और सत्तारूढ़ शासन के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष करने वालों के खिलाफ हवाई हमले कर रही है। ऐसे भी कई उदाहरण हैं जब म्यांमार के सैनिक सशस्त्र जातीय अल्पसंख्यकों के हमलों से खुद को बचाने के लिए भारत में घुस आए हैं।