डिफेंस को और मजबूत करने के लिए काउंसिल की ओर से 7,800 करोड़ रुपये की मंजूरी मिल चुकी है. मंत्रालय ने गुरुवार को अपने बयान में कहा कि रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) ने भारतीय सशस्त्र बलों के परिचालन क्षमताओं को बढ़ाने के लिए 7,800 करोड़ रुपये के प्रस्ताओं की मंजूरी दे दी है.
मंत्रालय ने कहा कि इस प्रस्ताव के तहत सभी खरीद देशी सोर्स से की जाएगी. मंत्रालय ने अपने बयान में आगे कहा कि भारतीय वायुसेना को और मजबूत करने के लिए डीएसी ने एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टरों पर इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट की खरीद और स्थापना के लिए अनुमति दी है.
वहीं ईडब्ल्यू सुइट भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (बीईएल) से खरीदा जाएगा. डीएसी ने मशीनाइज्ड इनफ्रंट्री और अर्मोर्ड रेजिमेंट्स के लिए लैंड बैस्ड स्वायत्त प्रणाली की खरीद के लिए आवश्यक अनुमति भी दी है, जो मानव रहित निगरानी, गोला-बारूद, ईंधन और पुर्जों की रसद डिलीवरी और युद्ध के मैदान में आवश्यक निकासी जैसे काम को सक्षम बनाएगा.
इन हथियारों को खरीदने की मंजूरी
मंत्रालय ने कहा कि 7.62×51 मिमी लाइट मशीन गन (एलएमजी) और ब्रिज लेइंग टैंक (बीएलटी) की खरीद के प्रस्तावों को भी डीएसी ने मंजूरी दी है. एलएमजी और बीएलटी के शामिल करने से स्थल सेना की लड़ने की क्षमता में बढ़ोतरी होगी. साथ ही कुशल सैनिकों की संख्या में भी इजाफा होगा.
स्वदेशी होंगी सभी चीजें
मंत्रालय ने कहा कि डीएसी की ओर से मंजूरी में कुछ और चीजों को शामिल किया गया है, जो सेना की ताकत को और बढ़ाएगी. प्रोजेक्ट शक्ति के तहत भारतीय सेना के लिए मजबूत लैपटॉप और टैबलेट की खरीद के लिए एओएन भी प्रदान किया जाएगा. इसमें कहा गया है कि ये सभी खरीद केवल स्वदेशी विक्रेताओं से की जाएंगी.
नौसेना के लिए AoN की मंजूरी
भारतीय नौसेना के MH-60R हेलीकॉप्टरों की परिचालन क्षमता को बढ़ाने के लिए, DAC ने हथियारों की खरीद के लिए AoN को मंजूरी दी गई है.