इस साल पितृ पक्ष की शुरुआत 17 सितंबर, दिन शनिवार से हो रही है। ऐसे में में पितृपक्ष में पड़ने वाले एकादशी के व्रत को ‘इंदिरा एकादशी’ (Indira Ekadashi 2024)कहा जाता है। यह व्रत बहुत ही खास माना जाता है। इंदिरा एकादशी का व्रत आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। इस साल ये एकादशी 28 सितंबर को पड़ रही है। इस दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा की जाती है।
बता दें कि इंदिरा एकादशी व्रत विशेष तौर पर पितरों के लिए रखा जाता है। पितृपक्ष के दौरान पड़ने के कारण भगवान की कृपा से पितरों को स्वर्ग की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि जो लोग हर तरह के कष्टों से छुटकारा पाकर सुख-समृद्धि और मृत्यु के मोक्ष चाहते हैं, तो इस व्रत को जरूर रखना चाहिए। आइए जानिए इंदिरा एकादशी की तिथि, शुभ मुहूर्त और पारण का समय।
शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि शनिवार 27 सितंबर को दोपहर 1 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन रविवार 28 सितंबर को दोपहर 2 बजकर 49 मिनट पर होगा।
इस प्रकार 27 सितंबर को एकादशी श्राद्ध है और 28 सितंबर को इंदिरा एकादशी मनाई जाएगी। इंदिरा एकादशी का व्रत रखने वाले साधक 29 सितंबर को सुबह 6 बजकर 13 मिनट से लेकर 8 बजकर 36 मिनट के मध्य पारण कर सकते हैं।
इंदिरा एकादशी में बन रहे हैं कई शुभ योग
ज्योतिषियों की मानें तो, इंदिरा एकादशी पर सिद्ध योग का संयोग बन रहा है। इस योग का निर्माण देर रात 11 बजकर 51 मिनट तक है। इसके बाद साध्य योग का निर्माण हो रहा है। इस शुभ अवसर पर शिववास योग का भी दुर्लभ संयोग बन रहा है। इस दिन भगवान शिव दोपहर तक कैलाश पर विराजमान रहेंगे। इसके बाद नंदी पर सवार होंगे।
पंचांग
सूर्योदय – सुबह 06 बजकर 13 मिनट पर
सूर्यास्त – शाम 06 बजकर 10 मिनट पर
चन्द्रोदय- देर रात 3 बजे…
चंद्रास्त- शाम 04 बजकर 02 मिनट पर
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 36 मिनट से 05 बजकर 24 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 11 मिनट से 02 बजकर 59 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 06 बजकर 22 मिनट से 06 बजकर 46 मिनट तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 11 बजकर 52 मिनट से 12 बजकर 39 मिनट तक