उद्योगपति मुकेश अंबानी ने किए बदरीनाथ और केदारनाथ के दर्शन, दान किए 5 करोड़ रुपए

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देश की सबसे बड़ी निजी कंपनियों में एक रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी आज केदारनाथ और बदरीनाथ धाम पहुंचे. जहां उन्होंने बाबा केदार और भगवान बदरी विशाल के दर्शन किए. प्रसिद्ध उद्योगपति मुकेश अंबानी पहले बदरीनाथ धाम पहुंचे. उसके बाद पश्चात केदारनाथ धाम दर्शन को पहुंचे.

मुकेश अंबानी ने लिया बदरी विशाल का आशीर्वाद: उद्योगपति मुकेश अंबानी आज सुबह करीब 9 बजे भू बैकुंठ बदरीनाथ धाम के दर्शन के लिए पहुंचे. जहां बदरी केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय समेत तमाम पदाधिकारियों ने उनका स्वागत किया. जिसके बाद उन्होंने बदरी विशाल के दर पर पहुंचकर वेद पाठ और पूजा संपन्न की. उसके बाद उन्होंने मंदिर परिसर स्थित माता लक्ष्मी मंदिर में भी दर्शन किए.

बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि उद्योगपति मुकेश अंबानी ने बदरी केदार मंदिर समिति को 5 करोड़ रुपए दान दिए हैं. वे हर साल भगवान बदरी विशाल के दर्शन के लिए आते हैं और करोड़ों रुपए का दान कर जाते हैं. वहीं, मुकेश अंबानी ने बदरीनाथ मंदिर के सिंह द्वार पर प्रशंसकों और मंदिर समिति पदाधिकारियों के साथ फोटो भी खिंचवाए.

17 नवंबर को बंद होंगे बदरीनाथ धाम के कपाट: भगवान बदरी विशाल के कपाट आगामी 17 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे. बदीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद भगवान नारायण की पूजा जोशीमठ के नृसिंह मंदिर और पांडुकेश्वर के योग ध्यान बद्री मंदिर में की जाती है.

मान्यता है कि कपाट बंद होने के बाद भगवान बदरी नारायण के चल विग्रह उद्धव अपने वाहन गरुड़ पर सवार होकर पांडुकेश्वर के योग ध्यान मंदिर जाते हैं. वहीं, शंकराचार्य की पवित्र गद्दी और मुख्य पुजारी रावल जोशीमठ के नृसिंह मंदिर जाते हैं.

बाबा केदार के दर मुकेश अंबानी ने लगाई हाजिरी: वहीं, अपने अति व्यस्त कार्यक्रम के तहत उद्योगपति मुकेश अंबानी बदरीनाथ धाम के दर्शन के तुरंत बाद दोपहर पौने ग्यारह बजे वे केदारनाथ धाम दर्शन के लिए पहुंच गए. जहां उन्होंने केदारनाथ मंदिर में रुद्राभिषेक और पूजा संपन्न की.

बदरी केदार मंदिर समिति को दिए 5 करोड़ 2 लाख रुपए: बीकेटीसी मीडिया प्रभारी हरीश गौड़ ने कहा कि उद्योगपति मुकेश अंबानी ने बदरीनाथ और केदारनाथ धाम के लिए 5 करोड़ 2 लाख रुपए की धनराशि का चेक मंदिर समिति को दान स्वरूप भेंट किया है. कोरोनाकाल में जब यात्रा ठप पड़ गई थी, तब भी उन्होंने मंदिर समिति को दान स्वरूप बड़ी मदद दी थी.