बिहार में 31 हजार करोड़ निवेश के करार की तैयारीग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 13 व 14 दिसंबर को ज्ञान भवन में : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमेशा से यह आरोप लगाता रहा है कि उन्होंने बिहार को औद्योगिक हब बनने पर कभी ध्यान नहीं दिया. जब से वे बिहार के मुख्यमंत्री बने हैं तब से उन्होंने उद्योगपतियों को बिहार में लाने के लिए और निवेश को बढ़ावा देने के लिए कोई काम नहीं किया. लगता है अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस और ध्यान देना शुरू कर दिया है. यही कारण है कि पिछले कुछ सालों से उद्योगपति को लुभाने के लिए बिहार समिति का आयोजन पटना में किया जा रहा है।
बिहार के ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 31 हजार करोड़ के निवेश प्रस्तावों पर एमओयू (करार) होगा। राजधानी पटना के ज्ञान भवन में 13 व 14 दिसंबर को आयोजित बिहार बिजनेस कनेक्ट 2023 में अडानी, गोदरेज, आईटीसी, आईओसीएल समेत देश-दुनिया के 600 उद्यमी व निवेशक शामिल होंगे।
सोमवार को मुख्य सचिवालय में मुख्य सचिव आमिर सुबहानी व उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव संदीप पौंडरीक ने यह जानकारी साझा की। मुख्य सचिव ने कहा कि बिहार में औद्योगिक विकास के लिए अच्छा माहौल बना है। बिहार में निवेश करना व नये उद्योग लगाना उनके लिए फायदेमंद होगा। उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन नीतियां बनाने के साथ-साथ उद्योगों के लिए आवश्यक आधारभूत संरचना का भी विकास किया गया है। प्लग एंड प्ले इंडस्ट्रियल शेड जैसी सुविधाओं ने निवेशकों को बिहार में उद्योग लगाने के लिए आकर्षित किया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मार्गदर्शन में पटना में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट आयोजित की जा रही है। इसके पहले बिहार में उपलब्ध सुविधाओं तथा बिहार सरकार की औद्योगिक नीतियों के बारे में निवेशकों को बताने के लिए चेन्नई, तिरूपुर, बेंगलुरू, मुम्बई, नई दिल्ली, चंडीगढ़ और कोलकाता में इन्वेस्टर्स मीट आयोजित किये गये। यही नहीं संयुक्त राज्य अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, बांगलादेश, ताईवान और जापान में भी इन्वेस्टर्स मीट आयोजित कर निवेशकों को बिहार में उपलब्ध सारी सुविधाओं के बारे में जानकारी दी गई।
12 बड़ी कंपनियों से करार
समिट के दौरान 500 करोड़ से अधिक का निवेश करने वाली 12 कंपनियों से अलग-अलग-अलग करार होगा। 14 दिसंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष इनसे एमओयू किया जाएगा। इसके अलावा 500 करोड़ से कम निवेश करने वालीं 240 कंपनियां हैं। इनमें 100 से 500 करोड़ वाली 20, 50 से 100 करोड़ वाली 15 व 50 करोड़ से कम वाली अन्य कंपनियां हैं।
क्यों खास है बिहार बिहार देश की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। वर्ष 2021-22 में बिहार की सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर 10.9 प्रतिशत रही, जो देश में तीसरी सबसे अधिक वृद्धि दर है। 2021-22 में पूरे देश के सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि दर 8.7 प्रतिशत रही। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के विकास में बिहार देश में अग्रणी है।
इन देशों के प्रतिनिधि आएंगे
अमेरिका, सउदी अरब, जापान, रूस, ताइवान, मॉरिशस, जर्मनी, नीदरलैंड, बांग्लादेश, उज्बेकिस्तान, नेपाल, वियतनाम, हंगरी, मेडागास्कर, मलेशिया, यूएई