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मद्य निषेध विभाग में इंस्पेक्टर राज! बक्सर में अधीक्षक की नई पोस्टिंग, लेकिन सिवान-कैमूर अब भी इंतजार में

ByLuv Kush

अप्रैल 25, 2025
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पटना, 25 अप्रैल 2025:

नीतीश कुमार के सुशासन की बात करने वाली सरकार के मद्य निषेध विभाग की हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। बिहार विधानसभा के बजट सत्र में जब विपक्ष ने विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठाए, तब जाकर सरकार की नींद खुली। नतीजतन, बक्सर जिले में उत्पाद अधीक्षक की स्थायी पोस्टिंग की गई है, लेकिन सिवान, कैमूर और शेखपुरा जैसे संवेदनशील जिलों में अब भी इंस्पेक्टर को अधीक्षक का प्रभार देकर काम चलाया जा रहा है।

बक्सर को मिला स्थायी अधीक्षक

15 अप्रैल को जारी पत्र के अनुसार, अशरफ जमाल को बक्सर का नया उत्पाद अधीक्षक नियुक्त किया गया है। इस आदेश को सरकार के संयुक्त सचिव संजय कुमार ने जारी किया है और अशरफ जमाल को तत्काल प्रभाव से पदभार ग्रहण करने का निर्देश दिया गया है।

गौरतलब है कि वर्ष 2024 में बक्सर के तत्कालीन अधीक्षक दिलीप पाठक पर शराब माफियाओं से मिलीभगत के आरोप लगे थे। उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ और गिरफ्तारी वारंट तक जारी हुआ, जिसके बाद वह फरार हो गए थे। विभाग ने बाद में उन्हें निलंबित कर दिया था, तबसे जिले में एक इंस्पेक्टर ही अधीक्षक का काम देख रहे थे।

सिवान-कैमूर अब भी “इंस्पेक्टर राज” के भरोसे

बक्सर को तो अधीक्षक मिल गया, लेकिन सिवान और कैमूर जैसे संवेदनशील जिलों की अनदेखी अब भी जारी है। इन जिलों में आज भी इंस्पेक्टर ही अधीक्षक की कुर्सी संभाले हुए हैं। यही हाल शेखपुरा का भी है। सवाल यह है कि आखिर इन प्रमुख जिलों को अधीक्षक देने में सरकार क्यों हिचक रही है?

सूत्रों की मानें तो यह केवल प्रशासनिक लापरवाही नहीं बल्कि आंतरिक रणनीति और दबाव की राजनीति का हिस्सा हो सकता है। विभाग के ही कई अधिकारियों का मानना है कि इंस्पेक्टर को अधीक्षक की कुर्सी पर बैठाने के पीछे कोई “बड़ा खेल” चल रहा है।

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