बिहार में इंटरनेशनल साइबर फ्रॉड गैंग का खुलासा, 6 ठग गिरफ्तार; निकला पाकिस्तानी कनेक्शन

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पूर्वी चंपारण, बिहार।

बिहार पुलिस को साइबर अपराध के खिलाफ एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। पूर्वी चंपारण जिले के पहाड़पुर थाना क्षेत्र अंतर्गत सिसवा बाजार में इंटरनेशनल साइबर फ्रॉड गैंग का पर्दाफाश करते हुए छह शातिर ठगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के अनुसार, इस गिरोह ने अब तक करोड़ों रुपये की ऑनलाइन ठगी को अंजाम दिया है। हैरान करने वाली बात यह है कि इस गैंग का संचालन नेपाल में बैठे एक सरगना द्वारा पाकिस्तानी सिम के जरिए किया जा रहा था।

क्रिप्टो के जरिए डॉलर में तब्दील करते थे ठगी की रकम

पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने प्रेस वार्ता में बताया कि गिरफ्तार अपराधियों के पास से मिली पासबुक और अन्य दस्तावेजों से करोड़ों रुपये की ठगी के पुख्ता प्रमाण मिले हैं। यह साइबर गिरोह ठगी के पैसे को क्रिप्टोकरेंसी (USDT) के माध्यम से डॉलर में बदल कर इंटरनेशनल ट्रांजेक्शन करता था। गिरोह “BIMEN ऐप” के जरिए क्रिप्टो ट्रेडिंग करता था।

नेपाल से पाकिस्तानी सिम के जरिए चलता था ठगी का नेटवर्क

जांच में सामने आया है कि गिरोह का सरगना नेपाल निवासी इब्राहिम है, जो पाकिस्तानी सिम कार्ड का उपयोग कर साइबर क्राइम का संचालन कर रहा था। इस नेटवर्क से जुड़ने वाले स्थानीय युवक लालू और कय्यूम की मुलाकात छह महीने पहले नेपाल के एक होटल में इब्राहिम से हुई थी। वहीं से इस ठगी नेटवर्क में उनकी एंट्री हुई।

ठगी का अनोखा सिस्टम: खाता खुलवाने से लेकर कैश निकालने तक

गिरोह का कामकाज बहुत संगठित तरीके से होता था। इसमें:

  • भारतीय नागरिकों के बैंक खाते हासिल करने वाले एजेंट को 2,000 रुपये प्रति खाता दिया जाता था।
  • खाताधारक से KYC डॉक्यूमेंट, पासबुक, मोबाइल नंबर, और एटीएम कार्ड लेकर गिरोह अपने कब्जे में रखता था।
  • खाता उपयोग करने के बदले खाताधारक को हर महीने 5,000 रुपये मिलते थे।
  • खाते में पैसा आते ही एक अलग लड़का उसे एटीएम से निकालता था, जो 1,000 रुपये फीस लेता था।
  • फिर ये पैसा नेपाल में बैठे सरगना इब्राहिम तक पहुंचाया जाता था।
  • इस पूरे प्रोसेस में लालू और कय्यूम को 5% कमीशन मिलता था।

गिरफ्तार साइबर अपराधी और बरामद सामान

पुलिस ने इस केस में अभिमन्यु उर्फ लालू, कय्यूम अंसारी, इमामुद्दीन अंसारी, शहजाद आलम, सरवर सुल्तान और मनव्वर आलम को गिरफ्तार किया है। इनके पास से निम्नलिखित चीजें बरामद की गई हैं:

  • 10 स्मार्टफोन
  • 1 कीपैड फोन
  • 8 एटीएम कार्ड
  • 19 सिम कार्ड
  • 15 पासबुक (विभिन्न बैंकों के)
  • ₹66,400 नकद

पुलिस का अगला कदम

पुलिस अन्य फरार आरोपियों की तलाश में लगातार छापेमारी अभियान चला रही है। इस घटना ने एक बार फिर दिखा दिया है कि कैसे अंतरराष्ट्रीय गिरोह भारत में लोकल युवाओं के जरिए बड़े स्तर पर साइबर क्राइम को अंजाम दे रहे हैं।

“यह कार्रवाई साइबर क्राइम के खिलाफ हमारी जीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा है। मामले की जांच इंटरनेशनल लिंक के आधार पर आगे बढ़ाई जा रही है।” — SP स्वर्ण प्रभात

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