सारण में इंटरनेट यहां मिल रहा! बैन के दौरान ऐसे जुगाड़ ढूंढ ले रहे लोग…
बिहार के सारण जिले में मतदान के दौरान छिड़े विवाद के बाद दो गुटों के बीच हुई चुनावी हिंसा में एक व्यक्ति की मौत गोली लगने से हो गयी तो प्रशासन ने इंटरनेट सेवा को पूरी तरह बंद करने का फरमान जारी कर दिया गया है. मंगलवार को हुई हिंसा के बाद 48 घंटे के लिए पहले इंटरनेट सेवा बैन किया गया जबकि अब दो दिनों के लिए इस पाबंदी को और बढ़ा दिया गया है. 25 मई की शाम तक इंटरनेट सेवा जिले में बंद रहेगी. छपरा में पिछले साल भी ऐसी नौबत एक से अधिक बार आयी जब इंटरनेट सेवा को बंद करना पड़ा था।
सारण में चुनावी हिंसा के बाद इंटरनेट बंद किया गया
छपरा में चुनावी हिंसा के बाद सारण जिले में इंटरनेट सेवा अब 25 मई की शाम तक बंद रहेगी. दरअसल, 25 मई को महाराजगंज सीट पर भी मतदान होना है. चुनाव के दौरान इंटरनेट के जरिए माहौल खराब करने की कोशिश असमाजिक तत्व कर सकते हैं, ऐसी संभावना देखते हुए एहतियातन इंटरनेट बैन कर दिया गया है।
इधर-उधर जाकर इंटरनेट के लिए नेटवर्क ढूंढ रहे लोग
सारण में चुनावी हिंसा के बाद जब इंटरनेट सेवा को पूरी तरह बैन कर दिया गया तो इससे लोगों की परेशानी भी बढ़ी है. युवा वर्ग इंटरनेट की खोज में इधर-उधर भटकते पाए गए. कोई इंटरनेट सुविधा खोजने के लिए रेलवे स्टेशन पहुंचे ताकि वाइफाई कनेक्ट हो सके तो कोई शहर के दक्षिण गंगा नदी के दियारा के क्षेत्रों में भी भटकते दिखे. जहां पटना जिले से मिलने वाले नेटवर्क सुविधा का लाभ इन्हें मिल जाता है. आमी से लेकर रामदासचक तक गंगा से सटे क्षेत्रों में भी कई जगहों पर लोग इंटरनेट सेवा का लाभ उठा रहे हैं. मलखाचक के गांधी कुटीर के पास भी युवाओं को इंटरनेट के लिए जमा होते देखा जा रहा है. वहीं ऑनलाइन से जुड़ा कारोबार फिलहाल पूरी तरह से ठप है।
सारण में पहले भी कई बार लिया गया ये फैसला..
गौरतलब है कि सारण जिले में पूर्व में भी माहौल बिगड़ने पर इंटरनेट सेवा को बंद करना पड़ा था. पिछले एक दशक की बात करें तो अब ऐसी हिंसक घटनाओं के दौरान प्रशासन को कई बार ये फैसले लेने पड़े ताकि माहौल और नहीं बिगड़े. मकेर की घटना भी इसका उदाहरण है.छपरा शहर में मूर्ति विसर्जन के दौरान भी जब हिंसक झड़प हो गयी तो प्रशासन ने इंटरनेट बंद करवाया था. मांझी प्रखंड के मुबारकपुर में दो जातियों के बीच झड़प में पिछले साल ही फरवरी महीने में जिला प्रशासन द्वारा इंटरनेट बंद करवाया गया था. अफवाह फैलने से रोकने और माहौल को शांतिपूर्ण बनाने के लिए चार दिनों तक इंटरनेट सेवा बंद कर दी गयी थी. वहीं इस बार चुनाव के बीच ही इंटरनेट सेवा बंद हो जाने से लोग चुनाव से जुड़ी गतिविधि भी नहीं जान पा रहे हैं।
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