गंगा पुल परियोजना के तहत विस्थापितों के पुनर्वासन के लिए पथ निर्माण विभाग ने एक नीति बनाई थी। जिसके तहत विस्थापितों को भूमि आवंटित करने का प्रावधान किया गया था। यह नियमावली वैसे विस्थापितों के लिए थी जिनका पटना/हाजीपुर में कोई आवास न हो। बिहार के उप मुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री ने विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि गंगा पुल परियोजना के तहत विस्थापितों के पुनर्वासन से संबंधित कई शिकायते मेरे समक्ष आई थी जिसे गंभीरता से लेते हुए मैंने विभागीय पदाधिकारियों को निर्देशित किया था।
उप मुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि आवासों की कुल संख्या-109 है जिनमें मात्र 17 आवास आवंटित है। शेष 92 आवास गैर आवंटित है। सभी आवासों की स्थिति जर्जर है। जो रहने लायक नही है। सभी आवासों को ध्वस्त कर कुल 4.922 एकड़ भूमि का उपयोग सरकारी भवन के निर्माण के लिए किया जा सकता है। इस संबंध में सभी तकनीकी और वैद्यानिक पहलुओं की समीक्षा का निदेश वरीय पदाधिकारियों को दिया गया है। नियमसंगत रूप से जिन्हें आवास आवंटित है, उन्हें चिंता करने की कोई बात नहीं है। सरकार उनका पूरा ध्यान रखेगी।
उप मुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि कुल प्लॉटों की संख्या-514 है। जिसमें गैर निबंधित प्लॉट -128 एवं खाली प्लॉट 34 है। गैर निबंधित एवं खाली प्लॉट की कुल भूमि 7.7 एकड़ है। जिस पर नवनिर्माण पर विचार किया जायेगा। उन्होंने बताया कि 50,000 वर्गफीट का भूखंड भी रिक्त है, जिसपर आधारभूत संरचना का निर्माण किया जा सकता है। अभियंता प्रमुख को स्थलीय निरीक्षण कर तीन दिनों में प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।
उप मुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री ने बताया कि अध्यक्ष बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड की अध्यक्षता में एक कमिटी गठित की गई है, जिसमें अभियंता प्रमुख, मुख्य अभियंता दक्षिण, एवं मुख्य अभियंता अनुश्रवण सदस्य होंगे। समिति को पन्द्रह दिनों के अन्दर एक विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत करना है, जिसके आधार पर नवनिर्माण की रूप-रेखा तैयार की जायेगी। यह जमीन जे0पी0 सेतु और गंगा नदी के निकट है। जे0पी0 सेतु पटना में मेरीन ड्राईव के तरह विकसित हो रहा है।
उप मुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में पथ निर्माण विभाग लगातार राज्य के आमजनों को सुगम यातायात उपलब्ध कराने हेतु प्रतिबद्ध है। वर्तमान समय में पथ एवं पुलों के निर्माण के साथ-साथ अन्य आधारभूत संरचनाओं के विकास का भी बड़ा महत्व है। यह प्रयास उसी दिशा में एक पहल है।