भारत सरकार ने रुपया को वैश्विक पहचान देने के लिए कदम उठाया है। आपको बता दें कि इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी से 10 लाख बैरल क्रूड ऑयल खरीदा है। इस खरीद की भुगतान उन्होंने रुपया में की है। आपको बता दें कि भारत में तेल की जरूरतों को पूरा करने के लिए 85 फीसदी से ज्यादा आयात करना होता है।
पहली बार कच्चे तेलकी खरीद का भुगतान रुपया में किया गया है। यह ऐतिहासिक कदम है। इसके बाद भारतीय राष्ट्रीय मुद्रा का उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा। इससे पहले क्रूड ऑयल की खरीद का भुगतान करने के लिए डॉलर का इस्तेमाल किया जाता था। जुलाई 2023 में भारत ने अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी ने कच्चे तेल की खरीद के लिए रुपये में भुगतान को लेकर एक एग्रीमेंट पर साइन किया है। इस ऐतिहासिक फैसले के बाद रुपया को वैश्विक पहचान मिलेगी।
रुपये से किये भुगतान के फायदे
भारत के इस कदम के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था के में चल रहे डॉलर के वर्चस्व को कम कर दिया। भारत व्यापार के लिए डॉलर का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में इस भुगतान के बाद स्थानीय मुद्रा का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल पर जोर दिया जाएगा। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अब रुसी तेल खरीद का भी भुगतान रुपया में किया जाएगा। आपको बता दें कि इसकी अभी तक कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
आपको बता दें कि इस कदम के बाद जहां एक ओर भारतीय करेंसी का प्रचलन वैश्विक स्तर पर होगा तो वहीं दूसरी तरफ यह डॉलर की मांग को कम करने में मदद करेगा। 1970 के दशक से ही तेल की खरीद का भुगतान डॉलर में किया जा रहा है।