IPS दंपत्ति की 4 साल की बच्ची की खाना खाते समय मौत, ऐसी स्थिति में तुरंत क्या करें गार्डियन?

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आज के समय में बहुत से पैरेंट्स वर्किंग हैं। दोनों ही अपने काम में बिजी होने के चलते बच्चों को दादा-दादी, नाना-नानी या मेड के सहारे छोड़ कर जाते हैं लेकिन छोटे बच्चे को संभालना और उनकी परवरिश करनी कोई आसान काम नहीं है। बच्चे को खाना खिलाने से लेकर सुलाने तक पूरी निगरानी की जरूरत होती है। इससे ही जुड़ी एक बेहद दुखद खबर सामने आई है। आईपीएस दंपत्ति रवजोत ग्रेवाल और नवनीत बैंस की 4 साल की बेटी नायरा का मंगलवार सुबह निधन हो गया। सूत्रों की मानें तो कहा जा रहा है 4 वर्षीय मासूम के गले में खाना फंस गया था जिसके चलते बच्ची की जान चली गई।

बच्चे के गले में फंस गया खाना

मिली जानकारी के मुताबिक, खाना खाते समय बच्चे के गले में खाना फंस गया था। खाना फंसने के कारण उसे सांस लेने में परेशानी होने लगी। आनन-फानन में बच्ची को तुरंत मोहाली के एक प्राइवेट अस्पताल में ले जाया गया जहां डाक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस दुखद खबर ने हर किसी को हैरान-परेशान कर दिया है। बच्ची का अंतिम संस्कार मोहाली के इंडस्ट्रियल एरिया फेज-7 के श्मशान घाट में किया जाएगा। अभी तक बच्ची की मौत को लेकर दंपत्ति की ओर से कोई ब्यान सामने नहीं आया है। आईपीएस दंपती रवजोत ग्रेवाल और नवनीत बैंस फिलहाल फतेहगढ़ साहिब और जगरांव में एसएसपी के पद पर तैनात हैं।

इसी बीच पेरेंट्स के मन में यहीं सवाल घूम रहा होगा कि बच्चे के गले में खाना कैसे फंस गया और यह कैसे फंस जाता है? ऐसी स्थिति में तुरंत क्या किया जा सकता है?

छोटे बच्चे के लिए जानलेवा गले में खाना फंसना

एक्सपर्ट के अनुसार, जब हम खाना खाते हैं तो भोजन मुंह से अंदर फूड पाइप की ओर जाता है। और फूड पाइप से खाना पेट में जाता है, लेकिन कई बार जब हम सांस लेते हैं हंसते हैं या फिर खाना खाते समय बात करते हैं तो भोजन फूड पाइप की बजाय विंड पाइप यानि ट्रेकिया में फंस जाता है। विंड पाइप में खाना फंसने पर सांस लेने में दिक्कत होती हैं जो कई बार इतनी ज्यादा बढ़ सकती हैं कि व्यक्ति की जान भी जा सकती हैं। खासकर छोटे बच्चों के लिए ये जानलेवा हो सकता है।

1 से 5 साल के बच्चे को खाना खिलाते समय पेरेंट्स और उनकी टेक केयर करने वाली नैनी को खास ध्यान रखना चाहिए।

बच्चे को छोटी-छोटी बाइट खाने के लिए दें और अच्छे से चबाकर खाने के लिए कहे। बच्चे को लेटकर खाना ना खाने दें।

खाना खाते समय बोलने या मोबाइल देखने की आदत ना डालें। खाना गले में फंस जाता है और खांसी आने लगती है। खाना खाते समय बात करने और टीवी फोन देखने से खाना अटकने के चांस बढ़ जाते हैं। अगर सांस नली में खाना फंस जाए तो सांस लेने में भी मुश्किल आती है।

अगर कभी बच्चे के गले में खाना अटक जाए तो मुंह खोले और देखें अगर आपको फंसी हुई चीज दिखती हैं उंगली के साथ उसे बाहर निकाल दें। यदि गले में अटका खाना नहीं दिखता तो बच्चे को अपने हाथ पर तिरछी स्थिति में उल्टा कर दें। फिर खाने को बाहर निकालने के लिए बच्ची की पीठ थपथपाएं। अगर आराम ना मिले तो तुरंत डॉक्टर के पास जाए।

ऐसी स्थिति में लोगों को पता नहीं होता कि क्या करना चाहिए लेकिन गले में खाना अटक जाए तो घबराने की बजाय तुरंत ये उपाय कर लें। एक्सपर्ट्स का कहना है कि खाना अटकने पर सांस में दिक्कत हो तो तुरंत हेमलिच मेनोवर का प्रयोग किया जाना चाहिए लेकिन एक साल से छोटे बच्चे और प्रेगनेंट महिलाओं के साथ ऐसा नहीं करना चाहिए।

कैसे करें हेमलिच मेनोवर?

इस टेक्निक के लिए पीड़ित व्यक्ति के पीछे खड़े हो जाएं।

अब उस व्यक्ति की कमर के पीछे से पसलियों को चारों ओर घेर लें।

अब 1 मुट्ठी बनाकर पसलियों के नीचे रखें और दूसरे हाथ का इस्तेमाल करते हुए मुट्ठी वाले हाथ को पकड़ लें।

अब पसलियों को मुट्ठी की मदद से नीचे से ऊपर की ओर जल्दी-जल्दी 7-8 बार दबाएं।

इस तरह एयरवेज में फंसा हुआ खाना बाहर निकल जाएगा। और पीड़ित इंसान को सांस आ जाएगी हालांकि यह प्रयोग भी किसी एक्सपर्ट ही करें तो बेहतर होगा।

गले में खाना फंसने पर क्या करें?

लिक्विड खाना खाएं

अगर खाना गले में फंस जाए तो लिक्विड खाना खाए। इससे खाने को निगलने में आसानी होगी। फंसा हुआ खाना आसानी से नीचे की ओर जाएगा।

पीना पीएं

खाना फंसने पर पानी के बड़े घूंट पी लें। ज्यादा मात्रा में पानी पीने से भोजन गीला होकर नीचे चला जाएगा आपको जल्दी आराम मिलेगा।

बटर खाएं

मक्खन खाने से अटका हुआ खाना चिकनाई से नीचे चला जाता है। अगर खाने से कभी फंदा लग जाए तो एक चम्मच मक्खन खाएं। इससे भी अटका हुआ खाना निगलने में मदद मिलेगी।

कार्बोनेटेड ड्रिंक पिएं

कार्बोनेटेड ड्रिंक हेल्थ के लिए हानिकारक होती हैं, लेकिन खाना अटक जाए तो इससे मदद मिलती है। इससे फंसे हुआ भोजन निकल जाता है।

फिर भी ऐसी कोई स्थिति आए तो अपने चिकित्सक से तुरंत संपर्क जरूर करें।

 

 

Kumar Aditya

Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.

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