बिहार को अब नया डीजीपी मिल गया है। 31 सितम्बर को आर.एस भट्टी केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर जा रहे हैं। उन्हें केंद्र सरकार ने CISF के डीजी बनाने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। वैसे डीजीपी की रेस में कई अधिकारी शामिल थे।विनय कुमार और शोभा अहोतकर का नाम सबसे आगे चल रहा था।लेकिन सरकार ने योग्यता के साथ साथ वरीयता का ध्यान रखते हुए 1989 बैच के आलोक राज के हाथ में बिहार पुलिस की कमान देने का फैसला ले लिया है।
1989 बैच के आईपीएस अधिकारी और निगरानी के डीजी आलोक राज बिहार पुलिस के नये महानिदेशक बनाये गए है। गृह विभाग ने इसको लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। आएएस भट्टी के केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने की वजह से बिहार में डीजीपी का पर रिक्त हो गया था। भट्टी सीआईएसएफ के महानिदेशक नियुक्ति किये गए है। वो बिहार के पहले ऐसे डीजीपी है जिन्हे किसी मिलिट्री एजेंसी की कमान सौंपी गई है।
विधानसभा चुनाव तक रह सकते हैं डीजीपी
गृह विभाग की ओर से शुक्रवार को जारी अधिसूचना के अनुसार निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के पुलिस महानिदेशक आलोक राज अपने दायित्वों के अतिरिक्त अगले आदेश तक पुलिस महानिदेशक, पटना के प्रभार में भी रहेंगे। आलोक राज पूर्णकालिन पद नहीं दिया गया है, फिलहाल वो प्रभार में रहेंगे। माना जा रहा है कि वो 31 दिसंबर 2025, यानी बिहार विधानसभा चुनाव कराने तक डीजीपी रहेंगे।
वर्ष 2022 में भी डीजीपी बनाने की हुई थी चर्चा
बताया गया है कि पिछली बार वरिष्ठता के बावजूद आलोक राज का नाम दरकिनार कर दिया गया था। उस दौरान 1989 बैच के आईपीएस आलोक राज के बिहार में रहते हुए केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से बुलाकर आरएस भट्टी को बिहार का डीजीपी बनाया गया था। यह दिसंबर 2022 की घटना है। उस वक्त आरजेडी के समर्थन से सरकार चल रही थी। लेकिन जब आरएस भट्टी ने डीजीपी का कार्यकाल रहते हुए खुद ही बिहार से जाने की अनुमति मांग ली, तो राज्य सरकार ने उन्हें जाने की अनुमति दे दी। आरएस भट्टी को सीआईएसएफ का महानिदेशक बनाया गया है। इस बार भी आलोक राज के नाम के साथ कई अन्य अधिकारियों के नाम की चर्चा थी, लेकिन फिलहाल इस चर्चा पर विराम लग गया है।