इजराइल और हमास के बीच जंग जारी है। हमास ने 7 अक्टूबर को इजराइल पर जोरदार हमला किया था। बेकसूर आम इजराइली नागरिकों को मौत के घाट उतारने के बाद कई लोगों को अपने साथ बंधक बनाकर ले गए। इस घटना के बाद इजराइल ने गाजा पट्टी पर जोरदार हमला किया। हमास के कई ठिकानों को नष्ट किया। यह कार्रवाई लगातार जारी है। इसी बीच कल गुरुवार को कुछ घंटों के लिए इजराइल के सैनिक और टैंक गाजा सीमा में घुस गए और तबाही मचाकर लौट आए। इन सबके बीच इजराइल के दुश्मन और हमास के हिमायती ईरान ने इजराइल को खुली चेतावनी दे डाली है। ईरान ने चेताया है कि यदि इजइराली सैनिकों ने गाजा में घुसने के लिए कदम रखा तो वहीं दफना दिए जाएंगे।
इजराइल और हमास के बीच 20 दिनों से जंग जारी है। इधर हमास तो दूसरे मोर्चे पर लेबनान है। जहां आतंकी संगठन हिजबुल्ला के लड़ाके उत्तरी इजराइल पर हमले कर रहे हैं। हिजबुल्ला को ईरान का समर्थन प्राप्त है। इसी बीच ईरान के ‘इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स’ के कमांडर इन-चीफ जनरल होसिन सलामी ने कहा कि इजरायल बमबारी के अलावा कुछ नहीं कर सकता। अगर वे जमीन पर आएंगे, तो उन्हें निगल लिया जाएगा। गाजा का ड्रैगन उन्हें खा जाएगा। अगर वे गाजा में कदम रखेंगे, तो उन्हें वहीं दफनाया जाएगा। इसलिए उनके पास कोई रास्ता नहीं है। उन्हें लगता है कि वे अपराध करके हार की भरपाई कर सकते हैं।
जंग में अब तक 7 हजार फिलिस्तीनियों की हो चुकी है मौत
दरअसल, 7 अक्टूबर को हमास और इस्लामिक जिहाद ने इजरायल पर हमला किया था। इस हमले में 1400 लोगों की मौत हुई है। इतना ही नहीं हमास ने 220 नागरिकों को बंधक भी बना रखा है। इस हमले के बाद इजरायल ने हमास के खात्मे की कसम खाई है। इजराइल लगातार एयर सट्राइक कर रहा है।
हमास को ईरान करता है सपोर्ट और ईरान को चीन
ईरान हमास को पूरी तरह सपोर्ट करता है। यह बात अमेरिका भी कह चुका है। इजराइल हमास जंग पर चीन अपने पत्ते नहीं खोल रहा है। चीन की चुप्पी से अमेरिका निराश है। दरअसल, अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि ईरान पर चीन का काफी प्रभाव है और ईरान हमास का एक प्रमुख समर्थक है।