लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने BPSC70th परीक्षा के मामले में नीतीश सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया. चिराग पासवान ने आज बीपीएससी परीक्षा को लेकर वही सारी बातें कहीं जो प्रशांत किशोर कह रहे हैं. उन्होंने कहा कि बीपीएससी परीक्षा में धांधली हुई है, इसमें कोई शक नहीं है. चिराग का ये स्टैंड बिहार सरकार और एनडीए में शामिल बीजेपी, जेडीयू जैसी पार्टियों से साफ अलग है. वैसे पिछले कई वाकयों को देखते हुए सवाल ये उठ रहा है कि चिराग पासवान किसकी सलाह पर काम कर रहे हैं.
BSPC के बहाने नीतीश सरकार पर निशाना
दिल्ली से आज पटना पहुंचे चिराग पासवान ने एयरपोर्ट पर लैंड करते ही बीपीएससी परीक्षा को लेकर नीतीश सरकार पर हमला बोल दिया. उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है बीपीएससी की 70वीं परीक्षा में धांधली हुई है. चिराग ने कहा-मेरे परिवार के लोगों ने बीपीएससी की परीक्षा दी है. मेरे भांजे और भांजियों ने परीक्षा दिया है. उन्होंने मुझे बताया कि परीक्षा में किस तरह से गड़बड़ी हुई है.
चिराग पासवान ने कहा कि बीपीएससी परीक्षा के दौरान प्रश्नपत्र उपलब्ध नहीं थे. प्रश्नपत्र परीक्षा केंद्र से बाहर सोशल मीडिया पर वायरल था. परीक्षा में गड़बड़ी हुई तभी बीपीएससी ने एक परीक्षा केंद्र पर हुए एग्जाम को रद्द कर फिर से परीक्षा ली. इससे साफ हो गया कि बीपीएससी ये मान रही है कि परीक्षा में धांधली हुई. चिराग पासवान ने कहा कि 22 परीक्षा केंद्रों पर बीपीएससी परीक्षा में गड़बड़ी हुई.
तत्काल परीक्षा रद्द करे सरकार
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बीपीएससी परीक्षा पर आयोग और सरकार का जो स्टैंड है, वह कबूल नहीं है. ये लाखों बच्चों के भविष्य को प्रभावित करेगा. ऐसे में अगर बच्चे मांग कर रहे हैं कि पूरी परीक्षा को रद्द कर फिर से एग्जाम कराया जाये तो वे कौन सी गलत मांग कर रहे हैं. मैं उनकी मांग का पूरजोर समर्थन करता हूं कि फिर से बीपीएससी परीक्षा करायी जानी चाहिये.
एनडीए से उलटा चिराग का स्टैंड
बीपीएससी परीक्षा को लेकर चिराग पासवान का स्टैंड बिहार की एनडीए सरकार और बीजेपी-जेडीयू जैसी पार्टियों से साफ उलटा है. इस परीक्षा को लेकर सरकार साफ-साफ कह चुकी है कि कोई धांधली नहीं हुई. बीजेपी और जेडीयू जैसी पार्टियों के नेता लगातार कहते आ रहे हैं कि अगर किसी के पास परीक्षा में धांधली का सबूत है तो उसे सबूत के साथ उजागर करे. लेकिन चिराग पासवान अलग ही बात कर रहे हैं.
फिर नीतीश निशाने पर
चिराग पासवान और नीतीश कुमार के रिश्ते जगजाहिर रहे हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान ने एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ा और नीतीश कुमार की पार्टी के हर उम्मीदवार के खिलाफ अपना कैंडिडेट खड़ा किया. चिराग की इस रणनीति के कारण जेडीयू को जबरदस्त नुकसान उठाना पड़ा था, वहीं आरजेडी को भारी फायदा हुआ था. चिराग पासवान लगातार ये कहते भी रहे हैं कि नीतीश कुमार ने उनके पिता का अपमान किया था, और वे उसे भूल नहीं सकते हैं. हालांकि पिछले साल जब नीतीश कुमार फिर से बीजेपी के साथ आये तो चिराग के सुर बदले थे. वे नीतीश कुमार की तारीफों के पुल बांधने लगे थे.
लेकिन हालिया दिनों में हुए कई वाकयों से कई सवाल खड़े हो गये हैं. इसी साल मकर संक्रांति के मौके पर चिराग पासवान ने दही-चूड़ा भोज का आयोजन किया था. उसमें नीतीश कुमार को भी आमंत्रण दिया गया था. नीतीश कुमार जब उस भोज में शामिल होने पहुंचे तो चिराग पासवान खुद ही गायब थे. नीतीश करीब 10 मिनट बैठ कर चले गये लेकिन चिराग वहां नहीं पहुंचे. जेडीयू नेताओं का एक बड़ा वर्ग मानता है कि नीतीश कुमार को जान बूझकर अपमानित किया गया.
क्य़ा प्रशांत किशोर की रणनीति पर चल रहे चिराग?
सियासी गलियारे में एक चर्चा और गर्म है. चिराग पासवान अपने गुप्त रणनीतिकार प्रशांत किशोर की सलाह पर चल रहे हैं. बीपीएससी परीक्षा के मामले में चिराग पासवान तकरीबन वही बातें कह रहे हैं जो प्रशांत किशोर कहते आये हैं. बात सिर्फ विधानसभा चुनाव की नहीं है. कुछ महीने पहले बिहार में विधानसभा की चार सीटों पर उप चुनाव हुए थे. इस उप चुनाव में प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज ने भी उम्मीदवार उतारे थे.
चार सीटों पर हुए विधानसभा उप चुनाव में प्रशांत किशोर की पार्टी की सबसे बेहतर स्थिति इमामगंज विधानसभा क्षेत्र में थी, जहां जीतन राम मांझी की बहू दीपा मांझी चुनाव लड़ रही थीं. चिराग पासवान तो वहां चुनाव प्रचार के लिए जाना था लेकिन वे जनसभा का टाइम फिक्स करने के बाद इमामगंज नहीं गये. इसका फायदा ये हुआ कि चिराग पासवान की जाति का ज्यादतर वोट जन सुराज के उम्मीदवार के पाले में चला गया.
कई सियासी जानकार ये भी बताते हैं कि 2020 के विधानसभा चुनाव में भी प्रशांत किशोर ने ही चिराग पासवान को नीतीश कुमार का वोट काटने के लिए अकेले चुनाव लड़ने की सलाह दी थी. 2020 के बाद कई मौकों पर चिराग पासवान खुले तौर पर प्रशांत किशोर की तारीफ कर चुके हैं. ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि क्या वे वाकई प्रशांत किशोर की रणनीति पर चल रहे हैं. चिराग की पार्टी के नेता इसे गलत करार दे रहे हैं. ये क्या सियासी धुआं बगैर किसी आग के उठ रहा है.
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