सनातन धर्म में आस्था रखने वाले विशेष तौर पर रोजाना अपने ईष्ट की पूजा करते हैं। शास्त्रों में नियमित पूजा-पाठ के लिए खास नियम और विशेष विधि बताई गई है। अक्सर लोग पूजा-पाठ के दौरान भगवान को धूप-दीप या अगरबत्ती दिखाते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से मन में सकारात्मक भाव उत्पन्न होते हैं। जिससे पूजन के समय आराध्य देव में ध्यान लगा रहता है। कभी-कभी पूजा-पाठ के दौरान धूप, दीप या अगरबत्ती जलाते वक्त हाथ जल जाते हैं या आखों में आंसू आ जाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि पूजा-पाठ के दौरान ऐसा होना शुभ संकेत देता है या अशुभ? आइए जानते हैं इसके बारे में।
पूजा के दौरान आंख से आंसू आना
अगर पूजा-पाठ के दौरान किसी व्यक्ति की आंख से आंसू आते हैं तो यह इस बात का संकेत माना जाता है कि संबंधित जातक के मन में जो दुख है, वह अब जल्द ही समाप्त होने वाला है। इसके अलावा यह इस बात का भी पूर्व संकेत देता है कि आने वाले समय में किसी बड़ी बुराई पर जीत हासिल करने वाले हैं। ऐसे में पूजा-पाठ के दौरान आंख में आंसू आना शुभ संकेत कहा जा सकता है।
पूजा-पाठ के दौरान हाथ जलना
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अगर पूजा का दीपक जलाते वक्त या पूजा-पाठ के किसी अन्य कार्य के दौरान हाथ जल जाए तो इसका अर्थ यह है कि पूजा के दौरान कुछ गलतियां हुई हैं। ऐसे में संबंधित व्यक्ति को अपने पूजा-पाठ पर विशेष ध्यान देना चाहिए। साथ ही साथ एकाग्र होकर और पूरे भक्ति-भाव से भगवान की आराधना करनी चाहिए। ताकि आगे से ऐसा अपशकुन दुबारा न हो, क्योंकि इसे पूजा-पाठ के दौरान होना अशुभ माना जाता है।
पूजा-पाठ के समय उबासी
शास्त्रों के अनुसार, पूजा के दौरान बार-बार उबासी आना भी शुभ संकेत नहीं है। पूजन के दौरान उबासी आना इस बात का संकेत देता है कि संबंधित जातक के अंदर किसी न किसी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा मौजूद है। इसके अलावा यह इस बात की ओर भी इशारा करता है कि जातक को पूजन में मन नहीं लग रहा है। ऐसे में इस बात को नजरअंदाज न करें और पूजा-पाठ के दौरान मन-मस्तिष्क को शुद्ध और शांत रखने की कोशिश करें। तभी जातक पूजन से मिलने वाले शुभ फल की कामना कर सकते हैं।