बिहार के पौने चार लाख नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा देने के लिए शिक्षा विभाग ने सक्षमता परीक्षा लेने का निर्णय लिया है. जिसके लिए आवेदन 1 फरवरी से शुरू हो चुका है. इसके साथ ही जो नियोजित शिक्षक समक्षता परीक्षा में पास नहीं होते हैं या परीक्षा में भाग नहीं लेते हैं उसके लिए के के पाठक की अध्यक्षता में पांच सदस्य कमेटी बनाई गई है, जो निर्णय लेगी कि उन शिक्षकों के साथ क्या करना है. अब नियोजित शिक्षकों को डर सताने लगा है कि उनकी नौकरी चली जाएगी. जिसको लेकर अब आंदोलन शुरू हो गया है।
आंदोलनकारियों पर एक्शन लेने की तैयारी
वहीं आंदोलनकारियों पर एक्शन लेने की शिक्षा विभाग ने भी तैयारी कर ली है. सीएम नीतीश कुमार के चहेते आधिकारी के के पाठक जहां शिक्षा विभाग को लेकर सख्त है, तो वहीं एमएलसी नीरज कुमार ने के के पाठक पर हमला बोला है. के के पाठक भगवान है क्या? जो नियोजित शिक्षकों की नौकरी ले लेंगे।
एमएलसी नीरज कुमार ने केके पाठक पर बोला हमला
एमएलसी नीरज कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा लेना है तो सामान्य समक्षता परीक्षा में सफल होना होगा. इसमें कहां कोई आपत्ति है, लेकिन कोई नौकरी से कैसे निकाल देगा. उन्होंने कहा कि केके पाठक के कहने से क्या होगा इस मामले में उनका कोई वैल्यू नहीं है. वे अपर मुख्य सचिव है तो कोई भगवान है क्या? सरकार ने नौकरी दिया है और उस नियमावली में लिखा हुआ है जो नियोजित शिक्षक दक्षता परीक्षा पास नहीं करेंगे उनको नौकरी से नहीं निकाला जाएगा. उन्हें राज्य कर्मी का दर्जा आप नहीं दे सकते हैं लेकिन कोई नौकरी से कैसे निकाल सकते हैं. उसकी मर्जी होगी तो एग्जाम देगा उसकी मर्जी नहीं होगी तो एग्जाम नहीं देगा।
कुछ मामलों में केके पाठक की तारीख करने लगे एमएलसी
नीरज कुमार ने के के पाठक के कई फरमानों पर आपत्ति जताते हुए विरोध किया और कहा कि कई नियोजित शिक्षकों को नौकरी के 4 साल 5 साल बचे हुए ऐसे में वे फरमान कर रहे हैं कि 3 जिला का ऑप्शन दीजिए अब कोई एक जिला में है दूसरे जिले में जाएगा तो उसे इस्टैबलिस होने में 6 महीना लग जाएगा तो फिर बच्चों को क्या पढ़ाएंगे. ये कैसा न्याय कर रहे है ये सब नहीं चलने वाला है. सीएम नीतीश कुमार ने नौकरी दी है।
इसमें कोई आग लगाने की कोशिश करेगा यह कतई मंजूर नहीं होगा. हालांकि उन्होंने के के पाठक की तारीफ भी की उन्होंने कहा कि समग्रता के मामले में के के पाठक ने अच्छा काम किया है. यह सच है कि शिक्षा स्कूलों के संचालन में, शिक्षकों की उपस्थिति में, छात्र-छात्राओं की उपस्थिति में कुछ शिक्षक नहीं आते थे अब वह भी आने लगे हैं यह सब उनका अच्छा काम रहा है लेकिन कुछ गलती कर देते हैं जैसे छुट्टी में वह कटौती करने लगे अब तीज जितिया जैसे त्योहारों में क्या छुट्टी स्कूलों में नहीं रहेगी?
‘शिक्षक पर कार्रवाई करेंगे, घास मूली है क्या की कार्रवाई कर देंगे’
एमएलसी नीरज कुमार ने आगे कहा कि एमएलसी संजय सिंह की इन्होंने पेंशन रोक दी इनको क्या अधिकार है पेंशन रोकने का ? माननीय न्यायालय ने इसका विरोध किया और कहां की यह आप कैसे कर सकते हैं. नीरज कुमार ने कहा कि हम लोग 12 स्नातक एमएलसी है जो सदन में शिक्षा की आवाज है. हमारी आवाज को कौन रोक देगा. उन्होंने हुंकार भरते हुए कहा कि वे शिक्षक पर कार्रवाई करेंगे, घास मूली है क्या की कार्रवाई कर देंगे कानून से कोई बड़ा है क्या? वह कानून से बड़े नहीं है कानून पालन करना उनका काम है. कानून को वे पढ़े नहीं और नया कानून बना दिए।
पहले के कानून को निरस्त करिएगा तब ना नया कानून बनाइएगा तो हम कितना उनको सलाह दें. वे आईएएस हैं तो क्या भगवान हो गए हैं ,क्या कोई दूसरा आईएएस नहीं बनता. उन्होंने कहा कि विधायिका में बहुत ताकत होती है कानून बनाना मेरा काम है, कानून का पालन करना उनका काम है. हम कानून की समीक्षा करते हैं आप कानून का पालन करिए।