बिहार की राजनीति में सियासी तूफान की आहट सुनाई दे रही है। चर्चा जोरों पर है कि क्या नीतीश कुमार एक बार फिर गठबंधन बदलने की तैयारी में हैं? यह चर्चा उस दिन शुरू हुई जब G-20 के भोज में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली गए थे। वहां उनकी मुलाकात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से हुई थी। इस दौरान दोनों के बीच जबरदस्त बॉन्डिंग दिखाई दी थी। इसके बाद गृह मंत्री अमित शाह बिहार दौरे पर झंझारपुर आए। यहां 25 मिनट के भाषण में निशाने पर केवल राजद सुप्रीमो लालू यादव रहे। वहीं नीतीश के प्रति नरमी भी साफ दिखाई दी।

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ऐसे में सवाल खड़ा होना तो लाजिमी है। बिहार के मुख्यमंत्री का अगला कदम क्या होगा, सिर्फ और सिर्फ नीतीश कुमार ही जानते हैं। NDA से अलग होने के बाद नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिल्ली की सत्ता से दूर रखने के लिए पहले दिन से प्रयासरत हैं। इन सभी के बीच विपक्षी दलों को एकजुट करने में मुख्य भूमिका निभाने वाले नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन से अलग राह पर चल दिए हैं। पहली बार नीतीश कुमार ने गठबंधन से हटकर बयान दिया। उनके बयान से लगता है कि आने वाले समय में ‘इंडिया’ में सियासी भूचाल आने वाला है।

नीतीश कुमार ने आखिर क्या बयान दिया?

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी ‘इंडिया’ के सदस्यों द्वारा टेलीविजन चैनल एंकर का बहिष्कार करने के बारे में जानकारी होने से साफ इनकार कर दिया। नीतीश ने कहा कि गठबंधन के कुछ सदस्यों को लगा होगा कि टीवी एंकर के साथ कुछ दिक्कतें हैं, इसलिए उन्होंने यह निर्णय किया होगा। मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। नीतिश कहते हैं कि सदा ही प्रेस की स्वतंत्रता का पक्षधर रहा हूं और सत्ताधारी लोग हमेशा मीडिया को टारगेट करते रहे हैं।

नीतीश ने कहा कि मैं भाजपा को परास्त करने के बाद अपने पेशे को लेकर मीडियाजनों को पूरी आजादी देने का आश्वासन देता हूं। नीतीश कुमार ने कहा कि मैं पत्रकारों का पूर्ण समर्थन करता हूं। जब पत्रकारों को पूरी आजादी मिलेगी, तभी वे सही लिखेंगे। जो चाहते हैं, वह लिखेंगे। गौरतलब है कि ‘इंडिया’ गठबंधन की मीडिया समिति ने गुरुवार को 14 टेलीविजन एंकरों की एक सूची जारी की, जिनके कार्यक्रम में वे अपने प्रतिनिधियों को नहीं भेजेंगे।

तो क्या अलग राह पर चल दिए नीतीश कुमार?

बयानबाजी के बीच नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन से अलग राह चल दिए हैं। सियासी जानकार भी मानते हैं कि इंडिया गंठबंधन में मतभिन्नता है। इसे नकारा ही नहीं जा सकता। G-20 समिट की बैठक में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भोज बुलाया। इसमें गठबंधन में शामिल दलों के कई राज्यों के मुख्यमंत्री पहुंचे, लेकिन कांग्रेस और RJD ने इस पर नाराजगी जताई। दूसरी ओर प्रदेश के शिक्षा मंत्री रामचरितमानस पर विवादित बयान दे रहे हैं। सीटों के बंटवारे को लेकर बिहार में गठबंधन में शामिल दलों के अलग-अलग दावे हैं।

बिहार की राजनीति के जानकार अजय कुमार कहते हैं कि इंडिया गठबंधन में अभी कई पेंच फंसे हैं। ऐसे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। अभी तक सीटों के बंटवारे को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है। हर बैठक में इस चर्चा का एजेंडा होता है, लेकिन अन्य मुद्दों के कारण इस पर चर्चा नहीं हो पाती। कोई शक नहीं कि लोग भाजपा को सत्ता से हटाना चाहते हैं, लेकिन सभी दलों की अपनी कुछ मजबूरियां भी हैं, जिनको ध्यान में रखकर ही रणनीति बनाई जाएगी।

INDIA गठबंधन में नीतीश कुमार की भूमिका

चर्चित चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर कहते हैं कि नीतीश कुमार की INDIA गठबंधन में सीमित भूमिका निभा रहे हैं। गठबंधन की 3 बैठकें हो चुकी हैं। सबसे पहली मीटिंग पटना में ही हुई थी। उस समय माना गया कि नीतीश इसके सूत्रधार होंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। बैंगलुरु में भी नीतीश कुमार को गठबंधन का संयोजक बनाने पर चर्चा हुई। जातीय जनगणना को INDIA अहम मुद्दा बनाए, तीसरी बैठक में नीतीश कुमार यह एजेंडा लेकर गए थे, जिसे गठबंधन के सहयोगी दलों ने स्वीकार नहीं किया।

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