पलटी मारने के लिए चर्चित नीतीश कुमार के दिमाग में क्या फिर कुछ चल रहा है. आज दिल्ली में संसदीय कमेटी की एक बैठक में जेडीयू के सांसद ने कांग्रेस औऱ तृणमूल कांग्रेस का साथ दिया. इससे पहले भी केसी त्यागी से लेकर जेडीयू के कई दूसरे नेता बीजेपी के स्टैंड के खिलाफ बोल चुके हैं.
जेडीयू ने बीजेपी को घेरा
दिल्ली में आज संसदीय कमेटी की बैठक में जेडीयू ने कांग्रेस औऱ टीएमसी की मांग का पुरजोर समर्थन किया. दरअसल, गुरुवार को अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण संबंधी संसदीय समिति की बैठक थी. इस बैठक में डीएमके और कांग्रेस के सांसद ने जातीय जनगणना की मांग उठायी. ममता बनर्जी की टीएमसी ने इसका समर्थन किया. फिर जेडीयू के सांसद भी विपक्षी पार्टियों का साथ देने के लिए सामने आ गये.
जातीय जनगणना पर रार
इस कमेटी की बैठक में जेडीयू ने कहा कि में बैठक में जाति आधारित जनगणना पर चर्चा की जाये. डीएमके के सदस्य टीआर बालू ने समिति की पहली बैठक में यह मुद्दा उठाया. भाजपा सांसद गणेश सिंह इस समिति के अध्यक्ष हैं। सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस सदस्य मणिकम टैगोर चाहते थे कि समिति की बैठक में सबसे पहले जाति आधारित जनगणना पर चर्चा हो.
टीएमसी के सदस्य कल्याण बनर्जी ने उनका समर्थन किया. इसके बाद जेडीयू के सांसद गिरधारी यादव भी उनके समर्थन में आ गये. गिरधारी यादव ने कहा कि समिति जाति आधारित जनगणना पर चर्चा करे और उसके लिए पहल करने की सिफारिश करे. टीएमसी के कल्याण बनर्जी ने मांग की कि समिति ‘जाति आधारित जनगणना’ कराने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखे.
बता दें कि बीजेपी ने देश भर में जातिगत जनगणना कराने के मुद्दे पर अपना स्टैंड क्लीयर नहीं किया है. लेकिन सरकार में सहयोगी पार्टी जेडीयू अब बीजेपी पर खुलकर दबाव बनाने लगी है. पहले भी जेडीयू के नेताओं ने मीडिया में बयान देकर केंद्र सरकार से मांग किया है कि वह देश भर में जाति आधारित जनगणना कराये. जेडीयू कह रही है कि उसने बिहार में जातिवार जनगणना कराई थी और उसके आंकड़े भी जारी किए थे. उसके बाद बिहार में आरक्षण को बढ़ाने का विधेयक भी पास किया गया था.
बीजेपी-जेडीयू में टकराव बढा
मामला सिर्फ जातीय जनगणना का नहीं है. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के राजनीतिक सलाहकार केसी त्यागी ने चार दिन पहले इजराइल को लेकर भारत सरकार के स्टैंड के खिलाफ बयान दिया था. केसी त्यागी ने कांग्रेस, सपा जैसी पार्टियों के नेताओं के साथ बयान पर साइन कर केंद्र सरकार से ये मांग की है कि वह इजराइल से हथियारों का लेन-देन बंद कर दें और फिलिस्तीन का समर्थन करे. वहीं, केंद्र के नये वक्फ बिल पर भी जेडीयू के नेता बीजेपी के स्टैंड के खिलाफ बयान दे रहे हैं.