इस्कॉन मंदिर के के संत अमोघ लीला दास इन दिनों चर्चा में बने हुए हैं। बीते दिनों उन्होंने स्वामी विवेकानंद पर एक टिप्पणी की थी। इस बयान में उन्होंने स्वामी विवेकानंद के मछली खाने को लेकर बयान जारी दिया था। इस बयान के सामने आने के बाद विवाद शुरू हो गया। इसके बाद अब उन्होंने अपने बयान के लिए माफी मांगते हुए कहा है कि उनका मकसद किसी को ठेस पहुंचाना नहीं था। बता दें कि अमोघ लीला इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ कृष्णा कॉन्शियसनेस (ISKCON) से जुड़े हुए हैं। विवेकानंद पर उनके बयान के बाद जब विरोध शुरू हुआ तब इस्कॉन ने उनपर महीने भर का प्रतिबंध लगा दिया था।
वीडियो बनाकर मांगी माफी
अमोघ लीला दास ने एक वीडियो शेयर करते हुए विवेकानंद मामले पर माफी मांगी है। अपने वीडियो में उन्होंने कहा कि वह किसी को दुखी नहीं करना चाहते थे और न ही बुरा महसूस करवाना चाहते थे। उनसे एक भक्त द्वारा जब सवाल किया गया तब उन्होंने जवाब दिया जिसपर विवाद शुरू हो गया। उन्होंने कहा कि मेरे द्वारा बोली गई बातों से जिनकी भी भावनाएं आहत हुई हैं मैं उनसे माफी मांगता हूं। मैं सभी संतों से माफी मांगता हूं। बता दें कि अमोघ लीला दास के बयान के बाद इस्कॉन ने उनसे दूरी बनाते हुए महीने भर का प्रतिबंध लगा दिया था।
क्या बोले थे अमोघ लीला दास
इस्कॉन ने अमोघ के बयान पर कहा था कि उनका बयान इस्कॉन के मूल्यों और शिक्षा को नहीं दर्शाते हैं। इस्कॉन ने अमोघ लीला दास के बयानों की निंदा की और कहा कि ये न सिर्फ अपमानजनक है बल्कि ज्ञान की कमी को भी दर्शाता है। बता दें कि अपने प्रवचन के दौरान अमोघ लीला दास से एक भक्तजन द्वारा सवाल पूछा गया था जिसपर उन्होंने स्वामी विवेकानंद के मछली खाने पर सवाल उठाया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि क्या कोई सदाचारी व्यक्ति मछली खाएगा, मछली को भी दर्द होता है। उन्होंने प्रवचन के दौरान स्वामी विवेकानंद और रामकृष्ण परमहंस पर भी टिप्पणी की थी।