भारत का चंद्रयान-3 चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने का बाद से नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी हिस्से में सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला दुनिया का पहला अंतरिक्ष यान बन चुका है। अब इसरो ने चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर को एक बार फिर से चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करवा कर नया करतब दिखाया है। आइए जानते हैं क्या है ये पूरा मामला…
दूसरी बार सॉफ्ट लैंडिंग
चंद्रयान -3 के विक्रम लैंडर ने अपने मिशन के सभी उद्देश्यों को पूरा कर लिया है। इसने एक बार फिर से एक HOP एक्सपेरिमेंट को अंजाम दिया। लैंडर ने अपने इंजन को स्टार्ट किया और 40 सेंटीमीटर की ऊंचाई तक गया। इसके बाद लैंडर को उसके पहले के स्थान से 30-40 सेंटीमीटर की दूरी पर जाकर दोबारा से सॉफ्ट लैंड कराया गया। इसरो ने विक्रम लैंडर के इस करतब का वीडियो सोशल मीडिया पर जारी किया है।
क्यों अहम है दोबारा लैंडिंग?
इसरो ने बताया है कि लैंडर के दोबारा किक स्टार्ट करने की ये प्रक्रिया उपग्रहों या फिर भविष्य में मानव मिशन को दुबारा धरती पर लाने की दिशा में एक अहम कोशिश है। लैंडर द्वारा आज किए गए इस मेनुवर से वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ा है कि भारत चांद की सतह पर उपग्रह उतारने के अलावा उन्हें दुबारा धरती पर भी ला सकता है।
स्लीप मोड में गया प्रज्ञान रोवर
23 अगस्त को चंद्रमा कि सतह पर उतरने के बाद प्रज्ञान रोवर ने कई अहम जानकारियां इकट्ठा की हैं। मिशन के लगभग 10 दिन बाद अब रोवर प्रज्ञान ने अपने काम को खत्म कर दिया है। इसके बाद उसे स्लीप मोड में सेट करके सुरक्षित पार्क कर दिया गया है। फिलहाल, इसकी बैटरी पूरी तरह चार्ज है। इसरो को उम्मीद है कि चांद पर 22 सितंबर, 2023 को अगले सूर्योदय पर ये फिर से काम करना शुरू कर सकता है। अगर ऐसा नहीं भी होता है तो यह चांद पर भारत के चंद्र राजदूत के रूप में हमेशा वहीं रहेगा।