यूपी में 22 जुलाई से शुरू होने जा रही कांवड़ यात्रा से पहले यूपी की योगी सरकार ने शामली, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर के फल विक्रेताओं और वेंडर के लिए नया आदेश जारी किया है। आदेश के अनुसार सभी वेंडर को अपनी दुकान और रेहड़ी के आगे नाम वाला बोर्ड टांगना जरूरी है। इस आदेश का असर भी अब दिखने लगा है। हाईवे के किनारे लगने वाली इन रेहड़ियों पर अब नाम के बोर्ड टंगे नजर भी आ रहे हैं। पुलिस प्रशासन पूरी मुस्तैदी से सभी कामों की निगरानी भी कर रहा है।
योगी सरकार के इस आदेश को लेकर विपक्ष भी हमलावर हो गया है। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने वीडियो जारी कर कहा कि जब बैठे-बैठाए कुछ ना हो करने को तो नफरत का छोंका लगाना बीजेपी की आदत बन चुका है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि कोई कांवड़ यात्रा के दौरान कोई कांवड़िया मुसलमान की दुकान से कोई सामान नहीं खरीद सके। भगवान ना करें जरूरत पड़ जाए कोई बीमार हो और सामने डाॅक्टर मुसलमान हो तो क्या आप इलाज नहीं करवाएंगे?
डरपोक सरकार का डरपोक फैसला
सुप्रिया श्रीनेत यहीं नहीं रुकी उन्होंने आगे कहा कि अगर आपको खून की जरूरत हो सामने मुसलमान के अलावा कोई ना हो तो क्या मुसलमान का खून नहीं लेंगे आप? कितनी बड़ी विडंबना है कि ये सब कुछ उन कांवड़ियों के लिए किया जा रहा है जो भगवान शिव पर चढ़ाए जाने वाले जल को लेने जा रहे हैं। ये सब वो लोग कर रहे हैं जो न हमारे धर्म को समझते हैं और ना ही भगवान शिव को। जबकि असलियत यह है कि डरपोक सरकार अपनी नाकामयाबी को छिपाना चाहती है।
बीजेपी के सहयोगियों ने भी साधा निशाना
बता दें कि कांग्रेस के अलावा बीजेपी के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी बीजेपी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि कुछ अति उत्साही अधिकारियों के आदेश हड़बड़ी में गड़बड़ी वाले। अस्पृश्यता की बीमारी को बढ़ावा दे रहे हैं। आस्था का सम्मान होना चाहिए। इसके अलावा जेडीयू, रालोद, बसपा और सपा ने भी योगी सरकार पर निशाना साधा है।