गत दिनों कांग्रेस कार्यालय में हुई श्रीबाबू की जयंती समारोह में लालू यादव को सम्मानित करके उनकी तुलना बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह से की जा रही है, इसपर भाजपा सांसद विवेक ठाकुर ने कहा कि इससे हास्यास्पद बिहार की राजनीति में शायद कुछ हो ही नहीं सकता।
विवेक ठाकुर ने कहा लालू यादव जैसे विनाश पुरुष जिसका आधा जीवन भ्रष्ट्राचार के आरोप में जेल में रहा तथा सामाजिक विध्वंश फैलाने वाली महागठबंधन की सरकार के किरदार जिसने बिहार में सबकुछ बर्बाद किया उसकी तुलना श्रीबाबू जैसे विकास पुरुष से करना एक संकुचित, चापलूसी और न्यूनतम कोटि की राजनीति की मानसिकता के पराकाष्ठा का उदाहरण है। चाहे सोने का मुकुट पहना दो या इंग्लैंड के महारानी के मुकुट में लगा कोहिनूर पहना दो, सच्चाई बदल नहीं सकती। इस तरह की बेतुकी तुलनात्मक चर्चा को तुरंत बंद कर दें ताकि श्रीबाबू की आत्मा को कष्ट न पहुंचे।
विवेक ठाकुर ने कहा निजी स्वार्थ और निजी महत्वकांक्षाओं को पाने के लिए विषय को निजता के दायरे में ही रखे, सामाजिक प्रचार का विषय न बनाएं। विवेक ठाकुर ने कहा बिहार केसरी के कार्यों के पसबा में भी तदोपरांत एक भी मुख्यमंत्री बिहार को नहीं मिला। श्रीबाबू ने बिहार का चहुंमुखी विकास किया चाहे उद्योग लगाना हो, किसान कल्याण हो, शिक्षा हो या सामाजिक न्याय। श्रीबाबू ने देवघर मंदिर में दलितों का प्रवेश दिलाकर जो मिसाल पेश किया, ऐसा सामाजिक न्याय का उदाहरण किसी मुख्यमंत्री ने नहीं दिया।
विवेक ठाकुर ने कहा जिस तरह भारत अपनी खोई हुई गरिमा को पाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुना। उसी प्रकार बिहार को दूसरे श्रीकृष्ण सिंह की जरूरत है, जो श्रीबाबू के कार्यकाल के गौरव को बिहार पुनः प्राप्त कर सके।