जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती के ठीक पहले केंद्र सरकार ने उन्हें भारत रत्न देने का ऐलान कर दिया. भारत सरकार के इस फैसले पर बिहार के सभी राजनीतिक दलों ने खुशी का इजहार किया और केंद्र सरकार का आभार प्रकट किया. सीएम नीतीश कुमार ने तो पहले ही नरेंद्र मोदी का शुक्रिया अदा कर दिया है, अब डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भी पोस्ट कर केंद्र के फैसले पर साधुवाद दिया है. वहीं आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने कहा कि ये तो बहुत पहले ही हो जाना चाहिए था।
आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि- ‘मेरे राजनीतिक और वैचारिक गुरु स्व. कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न अब से बहुत पहले मिलना चाहिए था. हमने सदन से लेकर सड़क तक ये आवाज उठायी, लेकिन केंद्र सरकार तब जागी जब सामाजिक सरोकार की मौजूदा बिहार सरकार ने जातिगत जनगणना करवाई और आरक्षण का दायरा बहुजन हितार्थ बढ़ाया. डर ही सही राजनीति को दलित बहुजन सरोकार पर आना ही होगा’.
वंचित, उपेक्षित, उत्पीड़ित और उपहासित वर्गों के पैरोकार, महान समाजवादी नेता एवं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री स्व॰ कर्पूरी ठाकुर जी को ‘भारत रत्न’ देने की हमारी दशकों पुरानी मांग पूरी होने पर अपार खुशी हो रही है। इसके लिए केंद्र सरकार को साधुवाद। #KarpooriThakur #Bihar https://t.co/NvzgEbXVyG pic.twitter.com/8aqxrQ9zy4
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) January 23, 2024
मेरे राजनीतिक और वैचारिक गुरु स्व॰ कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न अब से बहुत पहले मिलना चाहिए था। हमने सदन से लेकर सड़क तक ये आवाज़ उठायी लेकिन केंद्र सरकार तब जागी जब सामाजिक सरोकार की मौजूदा #बिहार सरकार ने जातिगत जनगणना करवाई और आरक्षण का दायरा बहुजन हितार्थ बढ़ाया। डर ही सही… pic.twitter.com/aWLctAMKuX
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) January 23, 2024
तेजस्वी यादव ने पोस्ट कर लिखा कि-“वंचित, उपेक्षित, उत्पीड़ित और उपहासित वर्गों के पैरोकार, महान समाजवादी नेता एवं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री स्व॰ कर्पूरी ठाकुर जी को ‘भारत रत्न’ देने की हमारी दशकों पुरानी मांग पूरी होने पर अपार खुशी हो रही है. इसके लिए केंद्र सरकार को साधुवाद”.
कर्पूरी ठाकुर के सहारे पार लगेगी नईया?: बता दें कि आज पटना में सभी पार्टियों के जरिए कर्पूरी ठाकुर की जयंती मनाई जा रही है. इसके लिए जेडीयू, बीजेपी और आरजेडी तीनों पार्टियां जोर शोर से लगीं हैं. पिछड़ी जाति से आने वाले कर्पूरी ठाकुर की छवि एक बड़े समाजवादी नेता के तौर पर रही है. कर्पूरी ठाकुर पहली बार 1967 में बिहार के ‘डिप्टी सीएम’ बने और दो बार सीएम भी बने. वो कांग्रेस के खिलाफ थे. बिहार की राजनीति में वो खासा महत्व रखते हैं. बिहार में पिछड़ों को सबसे पहले आरक्षण देने का काम भी उन्होंने ही किया था. आज के दौर के नेता भी इस चुनावी साल में उन्हीं के नाम के सहारे खुद की नईया पार लगाना चाहते हैं, ताकि पिछड़ों और गरिबों को खुश कर सकें।