बक्सर से पटना जाने में लगेंगे सिर्फ इतने घंटे, NH-922 के बिहटा खंड पर जल्द शुरू होगा काम; जानें लागत
बक्सर-पटना राष्ट्रीय राजमार्ग 922 के बक्सर से कोईलवर तक हिस्से को चार लेन में परिवर्तित किए जाने के बाद जिला मुख्यालय से राजधानी का सफर पहले के मुकाबले काफी हद तक आसान हो गया है, लेकिन कोईलवर में सोन नदी पार करने के बाद पटना तक का हिस्सा अभी जस का तस ही है।
हाईवे का यह हिस्सा भी चार लेन की सड़क बन जाए, तो सफर में कम से कम आधा से पौन घंटे का वक्त और बचने लगेगा। अभी बक्सर से पटना का सफर औसतन तीन घंटे में पूरा हो रहा है। इस हिस्से में अभी काम शुरू नहीं हुआ है। यहां टेंडर के साथ भूमि अधिग्रहण की भी बाधा है।
बीते 30 अक्टूबर को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में पटना में आयोजित एक बैठक के दौरान भूमि अधिग्रहण के लंबित मामलों की समीक्षा हुई। इसमें बक्सर जिले के अंतर्गत तीन मामले भी रहे। इसमें कोईलवर-बिहटा-दानापुर एलिवेटेड फोरलेन का मामला भी शामिल था।
बीते एक जून को प्रकाशित एक रिपोर्ट में एनएचएआई ने बताया था कि इस सड़क का निर्माण अशोक बिल्डकान को करना था। एजेंसी को इस साल 25 जनवरी से ही काम शुरू करना था। इस एजेंसी ने निर्माण शुरू नहीं किया, तो गत एक मई को इस प्रोजेक्ट के लिए दोबारा निविदाएं आमंत्रित की गईं। इसमें 10 कंपनियों ने बिड दाखिल की है। तकनीकी बिड का मूल्यांकन हो चुका और वित्तीय बिड का मूल्यांकन अंतिम प्रक्रिया में है। इसके बाद किसी एक कंपनी को यह काम सौंप दिया जाएगा।
बैठक में बताया गया कि बक्सर-पटना एनएच के तहत भूमि अधिग्रहण का कार्य अब केवल पटना जिले में ही शेष रह गया है। इसमें बिहटा से लेकर पटना तक एलिवेटेड और नान एलिवेटेड सड़क बनाने के लिए भूमि अधिग्रहण होना है। इस परियोजना के अंतर्गत संबंधित भूमि के लिए मुआवजा का भुगतान कर दिया गया है। भूमि पर अवस्थित संरचनाओं का मूल्यांकन कर प्रतिवेदन भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण एनएचएआई को स्वीकृति के लिए भेजा गया है। रैयतों को मुआवजा भुगतान के लिए नोटिस देने का काम शुरू हो चुका है।
आरा-पररिया खंड के लिए भी हो रहा भूमि अधिग्रहण
मोहनिया-आरा एनएच 319 के आरा-पररिया रेलखंड के लिए भी बक्सर जिले के अंतर्गत भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। इसके लिए 33 मौजों में 3जी के प्राक्कलन की स्वीकृति होनी शेष है। तीन मौजा का 3डी और पांच मौका जा 3ए प्रकाशन के लिए भूमि राशि पोर्टल पर अपलोड किया जा चुका है। तीन मौजा का 3ए प्रकाशन के प्रस्ताव की जांच की जा रही है। जबकि एक मौजा पवनी की अब तक अधियाचना ही विभाग को नहीं मिली है।
भोजपुर जिले में इस हाईवे के लिए भूमि के मुआवजा के भुगतान की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चली है। मोहनिया-चौसा-बक्सर एनएच 319ए के लिए भूमि के 3जी प्राक्कलन की स्वीकृति एनएचएआइ के स्तर से लंबित है। बैठक में डुमरांव-बिक्रमगंज-नासरीगंज-दाउदनगर-गोह एनएच 120 के लिए भूमि अधिग्रहण पर चर्चा नहीं हुई। हालांकि इस परियोजना के लिए भी अलग-अलग मौजा में 3ए और 3डी का प्रकाशन हो चुका है।
तीन में से दो खंड में निर्माण पूरा
बक्सर-पटना हाइवे को चार लेन में परिवर्तित करने का फैसला अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान लिया गया था। सरकार की इच्छाशक्ति और भूमि अधिग्रहण की दिक्कतों के कारण यह परियोजना टलती गई। केंद्र में पुन: भाजपा की वापसी हुई, तो एनएच का नए सिरे से नामकरण किया गया। साथ ही बक्सर-पटना हाइवे को तीन खंड में विभाजित कर बक्सर से शाहपुर, शाहपुर से कोईलवर और कोईलवर से दानापुर तक के लिए अलग-अलग टेंडर निकाला गया। इसमें दो खंड का निर्माण पूरा हो चुका है।
आपको बता दें कि पहले बक्सर से आरा तक एनएच 84 और मोहनिया से आरा होते हुए पटना तक एनएच 30 हुआ करता था। एनएच के नए सिरे से निर्धारण के बाद बक्सर-आरा एनएच को पटना तक विस्तार देते हुए इसे एनएच 922 नाम दिया गया है। दूसरी तरफ पुराने मोहनिया-आरा-पटना हाइवे को अब मोहनिया से आरा के बीच सीमित करते हुए एनएच 319 नाम दिया गया है। बोलचाल में और राज्य सरकार के पत्राचार में अब भी एनएच के पुराने नाम का ही इस्तेमाल किया जा रहा है, जबकि एनएचएआइ ने इसमें पहले संशोधन कर दिया है।
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