कर्नाटक के बेंगलुरु से एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसने वहां की पुलिस और डॉक्टरों का नाम रोशन कर दिया है। यहां 7 साल की लड़की में 14 साल के लड़के का दिल (हृदय) ट्रांसप्लांट किया गया है। दिल (हृदय) को ले जाने के लिए बेंगलुरु पुलिस ने रविवार को 14 किमी का एक ग्रीन कॉरिडोर बनाया, जिसे करीब 13 मिनट में तय किया गया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सात साल की लड़की डाइलेटेड कार्डियोमायोपैथी नामक बीमारी से पीड़ित है। बताया गया है कि इस बीमारी दिल के फेल होने की आशंका काफी बढ़ जाती है। इसी कारण अच्छे से अच्छा इलाज मिलने के बाद भी लड़की हालत बिगड़ती जा रही थी। उसका इजेक्शन रेट घटकर 15% हो गया था, जबकि सामान्य इजेक्शन रेट 50 से 70% होना चाहिए।
2019 में हो चुकी है लड़की की बहन की मौत
परिवार की ओर से मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2019 में लड़की की बड़ी बहन की भी इसी बीमारी से मौत हुई थी। इसके कुछ महीने बाद उसमें भी इसी बीमारी का पता चला। इसके बाद लड़की का इलाज शुरू किया गया। सभी मूल्यांकन करने के बाद नवंबर 2022 में लड़की का नाम हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए लिस्टेड किया गया।
रिपोर्ट में बताया गया है कि बीमारी के कारण लड़की का वजन सिर्फ 17 किलोग्राम रह गया था। उसका ब्लड ग्रुप O नेगेटिव था। लड़की की उम्र कम होने और दुर्लभ ब्लड ग्रुप होने के कारण हार्ट डोनर को कोजना भी मुश्किल था। हालांकि नसीब से 14 साल का एक डोनर मिल गया। इसके बाद जीवित हृदय को लाकर बेंगलुरु के राजराजेश्वरी नगर स्थित स्पर्श अस्पताल में उसका ट्रांसप्लांट किया गया।
13.7 मिनट में तय किया 14 किमी का सफर
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इस दिल को ले जाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था। योजना के तहत 14 किलोमीटर की दूरी 13.17 मिनट में तय की गई थी। दावा किया गया है कि ये सबसे तेज ड्राइव थी। ग्रीन कॉरिडोर के लिए अधिकारियों समेत लड़की के परिवार वालों ने बेंगलुरु पुलिस को धन्यवाद दिया है।
हार्ट ट्रांसप्लांट करने वाली मेडिकल टीम में डॉ. अशोक (कंसल्टेंट इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट और हार्ट ट्रांसप्लांट फिजिशियन), डॉ. अश्विनी कुमार पसारड (सीनियर कंसल्टेंट कार्डियो वैस्कुलर और थोरेसिक सर्जन और हार्ट ट्रांसप्लांट सर्जन), डॉ. मधुसूदन (कंसल्टेंट कार्डियो वैस्कुलर और थोरैसिक सर्जन), स्पर्श अस्पताल से डॉ. मैथ्यू (सलाहकार कार्डियो वैस्कुलर और थोरेसिक सर्जन) और डॉ. सेंथिल (सीनियर कंसल्टेंट कार्डियो वैस्कुलर और थोरेसिक सर्जन) और डॉ. जगदीश (सलाहकार कार्डियक एनेस्थीसिया एमजीएम अस्पताल, चेन्नई) शामिल रहे।