सॉफ्ट लैंडिग की घड़ी आने वाली है! चांद के करीब पहुंचे चंद्रयान-3 का पहला वीडियो देखें
चंद्रयान-3 अब चंद्रमा के करीब पहुंचना शुरू हो चुका है। इसके साथ ही चंद्रयान-3 ली गई चंद्रमा की पहली तस्वीर भी जारी हो गई है। चंद्रयान-3 से जो वीडियो आया है उसमें स्पेसक्राफ्ट के साथ-साथ चंद्रमा की सतह को साफ साफ देखा जा सकता है। अंतरिक्ष एजेंसी ने वीडियो के साथ लिखा कि ‘चंद्रयान -3’ मिशन से चंद्रमा का दृश्य, जब पांच अगस्त को उसे चंद्रमा की कक्षा में स्थापित किया जा रहा था। इसके साथ ही अब चंद्रयान को चांद के और करीब लाने की कोशिशों के तहत उसे अंदर की कक्षाओं में भेजा जा रहा है। ऐसी ही एक सफल कोशिश कल की गई है। दूसरी कोशिश 9 अगस्त को की जाएगी। धीरे धीरे पहले स्पेसक्राफ्ट को करीब लाया जाएगा जहां से वो चांद पर उतरने की कोशिश करेगा। चंद्रयान अब चांद का गुरुत्वाकर्षण महसूस करने लगा है और उसने धरती पर मैसेज भेजकर ये बताया है।
अगले 16 दिन तक धीरे धीरे चंद्रयान को चांद के करीब लाया जाएगा जिसके बाद 23 अगस्त को चंद्रयान चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिग करेगा। इसरो ने ट्वीट करके कहा है कि चंद्रयान-3 के सभी सिस्टम दुरुस्त हैं। सब कुछ ठीक तरह से काम कर रहा है। इस पर बेंगलुरु में मौजूद मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स से लगातार निगरानी की जा रही है।
चंद्रयान-3 ने ISRO को भेजा पहला मैसेज
इससे पहले शनिवार शाम चंद्रमा की कक्षा में पहुंचते ही चंद्रयान-3 का पहला मैसेज आया खा और वो मैसेज है- MOX, ISTRAC, मैं चंद्रयान-3 हूं। मुझे चन्द्रमा की ग्रैविटी महसूस हो रही है। चंद्रयान-3 ने जैसे ही चांद की कक्षा में कदम रखा, उसने धरती पर ISRO सेंटर को सबसे पहले यही मैसेज भेजा। जाहिर है अपने सफर के 22 दिन बाद मिशन चंद्रयान-3 ने शनिवार शाम को बड़ी चुनौती को सफलतापूर्वक पार कर लिया।
चंद्रयान-3 पर ताजा अपडेट
भारत के मिशन चंद्रयान-3 ने 3 लाख 84 हजार 400 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद शनिवार को धरती की ग्रैविटी के दायरे से बाहर निकल कर चांद की ऑर्बिट में एंट्री की। इसरो के वैज्ञानिकों के मुताबिक इस प्रोसेस को अंजाम देने में कुल आधे घंटे का वक्त लगा और चंद्रयान को चंद्रमा की कक्षा में पहुंचा दिया गया। अब यहां से चंद्रयान-3 को चरणबद्ध तरीके से चंद्रमा के पास ले जाया जाएगा। आनेवाले 17 दिनों में चंद्रयान-3 चंद्रमा के चार और ऑर्बिट को पार करते हुए चंद्रमा पर जा पहुंचेगा। यानी सबकुछ तय वक्त के अनुसार चलता रहा तो 23 अगस्त को चंद्रयान थ्री की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कराई जा सकेगी।
VIDEO | The Moon, as viewed by #Chandrayaan3 spacecraft during Lunar Orbit Insertion (LOI) on August 5, 2023. #ISRO
(VIDEO CREDIT: @chandrayaan_3) pic.twitter.com/fOJW9eYSrb
— Press Trust of India (@PTI_News) August 6, 2023
चंद्रयान-3 के लिए 600 करोड़ रुपये खर्च
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने अपनी महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-3 के लिए 600 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। 14 जुलाई को इसरो ने चंद्रयान-3 को अंतरिक्ष में लॉन्च किया और तब से हम सांसें रोककर इसके अगले स्टेप का इंतजार कर रहे थे। एक बार चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश सफल हो जाने पर हम 17 अगस्त तक इंतजार करेंगे, तब तक कक्षा गोलाकार हो जाएगी तब 23 अगस्त की शाम 5.47 को, हम एक टचडाउन की उम्मीद कर रहे हैं। 14 जुलाई को चंद्रयान-3 पृथ्वी से चांद के लिए निकला था। कल शाम 7.15 बजे के करीब इसने चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया। यान चंद्रमा की ग्रैविटी में कैप्चर हो सके इसके लिए इसकी स्पीड कम की गई। स्पीड कम करने के लिए इसरो वैज्ञानिकों ने यान के थ्रस्टर को कुछ देर के लिए फायर किया जिसके बाद चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक चंद्रमा की कक्षा में स्थापित हो गया।
चंद्रमा पर लैंडिंग से पहले चंद्रयान चार बार अपनी ऑर्बिट बदलेगा। इस पूरी प्रक्रिया को मिशन आपरेशंस कांप्लेक्स (MOX) बेंगलुरु से पूरा किया गया।
चंद्रयान का मकसद क्या है?
दरअसल, चंद्रयान-3 के जरिए भारत चांद की स्टडी करना चाहता है। वो चांद से जुड़े तमाम रहस्यों से पर्दा हटाएगा। चंद्रयान 3 चांद की सतह की तस्वीरें भेजेगा। वह वहां के वातावरण, खनिज, मिट्टी वगैरह जुड़ी तमाम जानकारियों को जुटाएगा। 2008 में जब इसरो ने भारत का पहला चंद्र मिशन चंद्रयान-1 सफलतापूर्वक लॉन्च किया था, तब इसने चंद्रमा की परिक्रमा की और चंद्रमा की सतह पर पानी के अणुओं की खोज की थी।
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