आईटीयू केलिडोस्कोप 2024 मंगलवार को नई दिल्ली में सम्पन्न हुए दूसरे दिन के सत्रों के दौरान एआई और डिजिटल प्रौद्योगिकियों पर केंद्रित परिवर्तनकारी विषयों पर विचार-विमर्श किया गया, जिसके माध्यम से सतत विकास को आगे बढ़ाया जा रहा है। मैरी कारमेन अगुआयो टोरेस की एक विशेष प्रस्तुति के साथ प्रारम्भ हुए इस दिवस के दौरान विशेष रूप से महिलाओं की तकनीकी क्षेत्रों में अधिक भागीदारी के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से समावेशी प्रौद्योगिकी समाधानों पर बल दिया गया।
स्पेन के बास्क कंट्री विश्वविद्यालय की ईवा इबारोला ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से लड़कियों को प्रौद्योगिकी से जुड़ने तथा सतत विकास के लिए अनुप्रयोग और सेवाओं पर प्रस्तुति सत्र की अध्यक्षता की। दूरसंचार विभाग के सदस्य (सेवाएं) रोहित शर्मा और आईईटीई के अध्यक्ष सुनील कुमार ने सतत विकास के लिए सामाजिक, आर्थिक, पर्यावरणीय और नीतिगत पहलुओं पर सत्र की अध्यक्षता की।
कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और सतत विकास के लिए एआई अनुप्रयोगों में महत्वपूर्ण जानकारियां प्रस्तुत की गईं। विषयों में स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और कृषि पर एआई का प्रभाव, एआई-संचालित निदान और ग्रामीण शिक्षा तक पहुंच में एआई की भूमिका पर चर्चा शामिल थी। सत्रों के दौरान चर्चा में आईओटी अनुप्रयोगों में साइबर सुरक्षा के महत्व पर भी जोर देने के साथ-साथ सामग्री निर्माण में एआई के नैतिक निहितार्थों की भी जानकारी ली गई। समग्र रूप से इस कार्यक्रम ने संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) का समर्थन करने वाली प्रौद्योगिकियों के विकास में नवाचार और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की महत्वपूर्ण आवश्यकता को रेखांकित किया।
दोपहर के पोस्टर सत्र में जीवंत शोध सहयोग को प्रोत्साहन दिया गया, जिसमें शिक्षा में एआई की भूमिका और संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने के लिए अंतरिक्ष प्रणालियों के उपयोग को शामिल किया गया। दूरसंचार विभाग के डिजिटल संचार आयोग के सदस्य (सेवाएं) रोहित शर्मा ने कहा, “आईटीयू केलिडोस्कोप 2024 ने प्रौद्योगिकी और स्थिरता के परस्पर-प्रतिच्छेदन की खोज के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया है।
कृषि आईओटी उपकरणों के साइबर सुरक्षा निहितार्थों से लेकर एआई-जनरेटेड कॉपीराइट की जटिलताओं और आईसीटी समाधानों के लिए अंतर्राष्ट्रीय कराधान के भविष्य तक, चर्चाओं ने यह सुनिश्चित करने में वैश्विक सहयोग के महत्व का उल्लेख किया है कि तकनीकी प्रगति सतत विकास में योगदान करती है। विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों द्वारा साझा किए गए अत्यंत महत्वपूर्ण सुझाव अधिक सुरक्षित, न्यायसंगत और दीर्घकालिक डिजिटल इकोसिस्टम बनाने के लिए मजबूत नीतियों और अभिनव मानकों की आवश्यकता को रेखांकित करते हैं।”
राष्ट्रीय संचार अकादमी के उप-महानिदेशक अतुल सिन्हा ने कहा, “आज प्रस्तुत विविध शोध वैश्विक चुनौतियों के लिए व्यावहारिक समाधान प्रस्तुत करते हैं, तथा अंतर-विषयक सहयोग की आवश्यकता पर बल देते हैं। मुझे विश्वास है कि साझा किए गए विचार व्यापक स्तर पर कल्याण के लिए प्रौद्योगिकी के भविष्य को आकार देने में सहायता प्रदान करेंगे।”
आईटीयू डब्ल्यूटीएसए नई दिल्ली 2024 कल एक और महत्वपूर्ण दिवस का साक्षी बना। इस अवसर पर आईईटीई के अध्यक्ष सुनील कुमार ने सतत विकास के लिए सामाजिक, आर्थिक, पर्यावरणीय और नीतिगत पहलुओं पर सत्रों की अध्यक्षता की। इस सत्र के दौरान “ डिजिटल समावेशन और सतत विकास में नवीनीकृत मोबाइल फोन की भूमिका”, “सतत विकास के लिए भरोसेमंद एआई को आगे बढ़ाना: एआई घटना रिपोर्टिंग के मानकीकरण हेतु सिफारिशें” और “वैश्विक विकास के संदर्भ में इंटरनेट का मॉडलिंग उपयोग ” पर प्रस्तुतियां दी गई।
इस दिवस के समापन पर, एआई के सामाजिक, आर्थिक और नीतिगत प्रभावों, विशेष रूप से कृषि में साइबर सुरक्षा चुनौतियों और एआई-जनित सामग्री में कॉपीराइट मुद्दों पर केंद्रित परस्पर संवादात्मक चर्चाएं हुईं। इन सत्रों ने प्रमुख क्षेत्रों में एआई के एकीकरण के साथ उत्पन्न होने वाली वास्तविक दुनिया की चुनौतियों और अवसरों के बारे में भी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की।
तीसरे दिन दो महत्वपूर्ण पैनल चर्चाएं होंगी, जिनमें वैश्विक मानकों और नवाचार अवसरों के भविष्य पर गहन चर्चा की जाएगी। इसके पश्चात पेपर की प्रस्तुति की जाएगी। केलिडोस्कोप 2024 प्रौद्योगिकी, मानकों और स्थिरता के बारे में सार्थक संवाद को प्रेरित करना जारी रखते हुए अधिक समावेशी डिजिटल भविष्य के लिए वैश्विक प्रयासों को आगे बढ़ाएगा।
आईटीयू केलिडोस्कोप एक वार्षिक कार्यक्रम है जो शिक्षा और उद्योग के बीच की दूरी को पाटने में सहायक रहा है। यह विचारों के आदान-प्रदान को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ दूरसंचार प्रौद्योगिकियों के वैश्विक मानकीकरण में योगदान देता है। 2008 में अपनी स्थापना के बाद से, केलिडोस्कोप डिजिटल संचार के भविष्य पर चर्चा करने के लिए सबसे प्रभावशाली प्लेटफार्मों में से एक बन चुका है। यह एक ऐसा मंच प्रदान करता है, जहां शोधकर्ता और नवप्रवर्तक अपने सबसे आशाजनक कार्यों की प्रस्तुति कर सकते हैं।
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अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) द्वारा आयोजित डब्ल्यूटीएसए 2024, वैश्विक दूरसंचार मानकों के विकास और कार्यान्वयन के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है, जो दुनिया भर में संचार के भविष्य को आकार देने के लिए नियामकों, उद्योग के नेताओं और नीति निर्माताओं को एकजुट करता है।