बिहार में लगातार भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के खिलाफ छापेमारी की जा रही है। उनके पास करोड़ों रुपए की अवैध कमाई होने की भी पुष्टि हुई है। ऐसे अधिकारियों की नौकरी पर खतरा मंडराने लगा है। मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार में लिप्त बिहार के एक जेल डीआईजी को नौकरी से निकाल दिया है। बताया गया कि जेल डीआईजी के खिलाफ भ्रष्टाचार में लिप्त होने को लेकर यह कार्रवाई की गई है। इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।
जिस जेल डीआईजी को नौकरी से निकालने का आदेश जारी हुआ है। उनका नाम शिवेंद्र प्रियदर्शी बताया गया है। वह बेउर जेल के अधीक्षक भी रह चुके हैं। गृह विभाग द्वारा जारी सात पेज की अधिसूचना के अनुसार, एसवीयू ने 5 मई, 2017 को डीआइजी (जेल) शिवेंद्र प्रियदर्शी के आवासीय परिसरों पर छापेमारी की और उनकी आय के ज्ञात स्रोत से ज्यादा संपत्ति और निवेश का पता लगाया।
एसवीयू के अधिकारियों ने राजधानी पटना में लश काउंटी और वृंदावन अपार्टमेंट में स्थित उनके फ्लैटों पर छापेमारी की, जिसमें 1.2 करोड़ रुपये की संपत्ति का खुलासा हुआ। एफआईआर के अनुसार, शिवेंद्र और उनकी पत्नी रूबी प्रियदर्शी की अब तक की कुल आय 1.01 करोड़ रुपये थी, जबकि विभिन्न मदों में उनका खर्च 39.79 लाख रुपये था। इस प्रकार, उनकी संभावित बचत 61.47 लाख रुपये थी। एसवीयू को भारतीय स्टेट बैंक में 14 लाख रुपये की सावधि जमा के अलावा 17 खातों की भी जानकारी मिली।