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जेल या फिर जहन्नुम, आतंकियों के लिए बस 2 ही ठिकाने; सरकार ने बताए 2 ऑप्शन

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जम्मू कश्मीर में आतंकी हमलों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बुधवार को राज्यसभा में आतंकी हमलों से जुड़े सवालों के जवाब गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने दिए। उन्होंने साफ किया कि आतंकियों के लिए सिर्फ दो ही रास्ते बचे हैं। या तो उनको जेल भेजा जाएगा या वे जहन्नुम में जाएंगे। कांग्रेस सांसद पवन तिवारी ने राय से आतंकी हमलों को लेकर सवाल किया था। राय ने कहा कि आतंकियों के मंसूबे कभी पूरे नहीं होंगे। कश्मीर से जल्द उनका सफाया कर दिया जाएगा। आतंक को बर्दाश्त नहीं करेंगे। सरकार की नीति स्पष्ट है।

आतंक को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे

गृह राज्य मंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाला अनुच्छेद 370 अगस्त 2019 में हटाया जा चुका है। जिसके बाद भारतीय सेना ने 900 से अधिक आतंकियों का सफाया किया है। सरकार का संकल्प है कि वहां से आतंक को मिटा दिया जाए। पिछले कुछ दिनों में 28 आतंकी मारे जा चुके हैं। राय ने ये भी स्वीकार किया कि हमलों में हमारे जवानों ने भी शहादत दी है। एक सवाल के जवाब में बताया कि 2004 से 2014 के बीच 7217 आतंकी घटनाएं हुई थीं।

वहीं, 2014 से 21 जुलाई 2014 तक 2259 घटनाएं हुई हैं। केंद्र की मोदी सरकार किसी भी सूरत में आतंकियों को नहीं बख्शेगी। वे जेलों में डाले जाएंगे। या फिर मारे जाएंगे। 2004 से 2014 के बीच 2829 आम नागरिक और सेना के जवानों ने अपनी जान गंवाई। बीते 10 सालों में सिर्फ 941 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। जो पहले से 67 फीसदी तक कम है। कश्मीर के हालात अब बदल रहे हैं। वहां स्कूल और कॉलेज खुल रहे हैं। कारोबार बढ़ रहा है।

पिछले साल कश्मीर गए 2 करोड़ से ज्यादा पर्यटक

कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कश्मीर में पर्यटन को लेकर अपनी चिंता जाहिर की। वहां सुरक्षा को लेकर सवाल किया। जिसके बाद राय ने कहा कि पिछले साल 2 करोड़ 11 लाख लोग कश्मीर गए। जिससे पता लगता है कि वहां कैसी सुरक्षा है? 2014 से पहले हालात ऐसे नहीं थे। राय ने भरोसा दिया कि वे लोग कश्मीरी पंडितों की वापसी के लिए प्रयास कर रहे हैं। घाटी में 6000 रिक्त पदों में से 5700 पर भर्ती हो चुकी है। वहीं, खाली पदों को भी जल्द भरा जाएगा।